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कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत का ऐलान: प्राइवेट अस्पतालों में 600 तो सरकारी में 400 रुपए में मिलेगी एक खुराक

by Sneha Shukla

भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को तेज करते हुए 1 मई से वैक्सीनेशन का दायर बढ़ रहा है। राज्य सरकारों और प्राथमिक अस्पतालों को वैक्सीन कितने रुपए में मिलेगा, इसका ऐलान हो गया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने राज्यों और प्राथमिक अस्पतालों के लिए वैक्सीन के एक डोज की कीमत तय कर दी है, जिसके मुताबिक, कोशीशील्ड की एक खुराक प्राथमिक अस्पताल में जहां 600 रुपए में मिलेगी, वहीं सरकारी अस्पताल में इसकी कीमत 400 रुपए होगी। यानी सरकारी अस्पताल में 18 साल से अधिक उम्र के लोग 400 रुपए देकर तो प्राथमिक अस्पताल में 600 रुपए देकर वैक्सीन लगवा सकते हैं।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने आगे कहा कि कंपनी वैक्सीन की कुल उत्पादन का 50% भारत सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम को करेगी और शेष 50 प्रतिशत वैक्सीन राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों के लिए होगी। बता दें कि अब तक सिर्फ भारत सरकार हीेक खरीद रही थी, लेकिन अब राज्य सरकार भी टीके को खरीद संभवगी।

बता दें कि अब तक बाजार में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है और वैक्सीन निर्माता कंपनियों केंद्र सरकार को 250 रुपए प्रति डोज बेच रही है। बीते दिनों पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बीते सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि 1 मई से देश भर में कोरोनाईकरण का तीसरा राउंड शुरू हो रहा है, जिसमें युवाओं को भी कवर किया जाएगा। अब तक 45 साल से अधिक आयु के लोगों को ही टीका लगाया जा रहा था। हालांकि दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के मुख्य उत्तराधिकारियों की ओर से युवाओं को भी टीका लगाया जाने की मांग की थी।

पीएम नरेंद्र मोदी की देश के शीर्ष डॉक्टरों के साथ विचार मंथन के बाद यह फैसला लिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार बीते एक साल से प्रयास कर रही है कि देश में ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को कम से कम समय में वैक्सीन दी जा सके। इस बैठक में घरेलू कंपनियों को वैक्सीन के अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित करने की बात कही गई है। इसके अलावा अन्य भारतीय और विदेशी वैक्सीन्स को भी मंजूरी देने की बात शामिल है।

इस बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय यह भी हुआ कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपने कुल उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकारों को देगी, जबकि टिन खेप खुले बाजार में पहले से तय कीमत पर बेच चाहिए। यही नहीं राज्य सरकारें अपनी जरूरत के हिसाब से सीधी कंपनियों से वैक्सीन की खरीद कर सकती हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने एक बात और साफ कही है कि पहले से तय प्राथमिकता समूह के लोगों का वैक्सीनेशन जारी रहेगा। वर्तमान में 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को सरकारी केंद्रों और निजी अस्पतालों में टीका लग रहा है।

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