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क्या एक सस्ती और 'यूनिवर्सल' कोरोना वायरस वैक्सीन पर काम हो रहा है? जानिए बड़ी खबर

क्या एक सस्ती और ‘यूनिवर्सल’ कोरोना वायरस वैक्सीन पर काम हो रहा है? जानिए बड़ी खबर

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> एक प्रायोगिक कोविड -19 वैक्सीन संभावित रूप से भविष्य के कोविड वेरिएंट्स सहित अन्य कोरोनावायरस से सुरक्षा देस है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यूनिवर्सल वैक्सीन के एक डोज की कीमत एक डॉलर से कम हो सकती है। वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और शोधकर्ता डॉ। स्टीवन ने कहा, "वैक्सीन स्पक प्रोटीन के हिस्से को निशाना बनाता है जो लगभग सभी कोरोनावायरस में आम है।"

यूनिवर्सल प्रायोगिक वैक्सीन निर्माण की दिशा में तैयारी & nbsp;

प्रोसिडिंग्स ऑफ दी नेशनल एकेडमी ऑफ साइसेंस में ऑनलाइन प्रकाशित नतीजों के मुताबिक, जानवरों पर होनेवाले परीक्षण में कोविड वैक्सीन के इस्तेमाल से सूअरों को कोरोनावायरस के दो प्रकार से होनेवाली दो अलग-अलग बीमारियों के कारण सुरक्षा मिली। शोधकर्ताओं का कहना है कि एक को -19 बीमारी का कारण बननेवाला कोरोनावायरस और दूसरा डायरिया की वजह बनने वाला वायरस है। दोनों कोरोनावायरस एक हद तक एक जैसे हैं, संभव है कि ये वैक्सीन को विभाजित -19 की विभिन्न किस्मों के खिलाफ विस्तृत विवरण दे सकता है।

नोवल कोरोनावायरस के मुकाबले दूसरे कोरोनावायरस करीब 25 फीसद जुकाम की वजह बनते हैं और हस्तक्षेप के लिए एक यूनिवर्सल वैक्सीन सबसे अच्छा माध्यम साबित होगा। जॉन एप्सिन्स सेंटर फोर हेल्थ हेल्थ सिक्योरिटी, बैटमोर के बुद्विजीवी डॉ। अमेश दरजा बताते हैं कि ये नतीजे कोरोनावायरस की वर्दीवर्सिल वैक्सीन को विकसित करने के लिए अद्भुत अवसर प्रदान करते हैं। नई वैक्सीन का दूसरा फायद मूल्य को लेकर है। प्रायोगिक वैक्सीन आनुवांशिक रूप से प्रकट बैक्टीरिया पर आधारित है, जिसका बड़े पैमाने पर तैयारी की लागत वर्तमान को विभाजित -19 वैक्सीन के मुकाबले बहुत कम होगी।

प्रायोगिक कोविड -19 वैक्सीन वेरिएंट्स से भी दे सकती है सुरक्षा

मिसाल के तौर पर एमआरएन कोविड -19 वैक्सीन की वर्तमान लागत 10 डॉलर प्रति डोज है, जिसके कारण स्वतंत्र देशों को इस्तेमाल करना आसान नहीं होगा। हैजा और कुकुरखांसी की रोकथाम के लिए बननेवाली बैक्टीरिया आधारित वैक्सीन की एक खुराक की कीमत एक डॉलर से भी कम होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन को लक्ष्य बनाएगी जो सभी वायरस में इंसानी कोशिकाओं पर प्रतिस्पर्धी होनेवाला हिस्सा है। नोवल कोरोनावायरस के अब सभी जीनोम सिक्वेंस में पता चला कि कोविड -19 की वजह बननेवाला कोरोनावायरस के स्पाइक प्रोटीन के हिस्से में कोई बदलाव नहीं दिखा, और उम्मीद है कि भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा।