Home » 5 राज्यों में चुनावों के दौरान पार्टियों को मिले 695 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड, सबसे ज्यादा एक करोड़ की वैल्यू के रहे
5 राज्यों में चुनावों के दौरान पार्टियों को मिले 695 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड, सबसे ज्यादा एक करोड़ की वैल्यू के रहे

5 राज्यों में चुनावों के दौरान पार्टियों को मिले 695 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड, सबसे ज्यादा एक करोड़ की वैल्यू के रहे

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> नई दिल्ली: देश के चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव के दौरान इस महीने की में और nbsp; भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 695.34 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गए। एसबीआई ने 16 वीं सीरीज इस साल 1 अप्रैल से 10 अप्रैल तक बॉन्ड बेचे। टोटल सेल में से 671 करोड़ रुपये के बॉन्ड एक करोड़ रुपये फेस वेल्यू के, 23.70 करोड़ रुपये के बॉन्ड 10 लाख रुपये फेस वेल्यू और 64 लाख के बॉन्ड के साथ एक लाख रुपये के फेस वेल्यू के साथ बेचे गए। एसबीआई ने कमोडोर लोकेश के बत्रा (रिटिट्स) द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी है। & nbsp;

केरल, असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी की विधानसभाओं के चुनाव की प्रक्रिया जारी है। पांच विधानसभा चुनावों के लिए मतदान 27 मार्च को शुरू हुआ था और 29 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के आठवें चरण के मतदान के साथ इसका समापन होगा।

कोलकाता ब्रांच में सबसे ज्यादा राशि के बॉन्ड जारी किए गए & nbsp;
एसबीआई के अनुसार राजनीतिक दलों ने 695.34 करोड़ रुपये का बॉन्ड भुनाया है। एसबीआई की कोलकाता मेन ब्रांच ने 176.19 करोड़ रुपये के जारी किए.नई दिल्ली मेन ब्रांच ने 167.50 करोड़ रुपये, चेन्नई मेन ब्रांच ने 141.50 करोड़ रुपये और मुंबई मेन ब्रांच ने 91.50 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए थे।

एसबीआई ने कहा कि नई दिल्ली मेन ब्रांच में 350.60 करोड़ रुपये के बॉन्ड इनकैश किए गए, भुवनेश्वर मेन ब्रांच 116 करोड़ रुपये, चेन्नई मेन ब्रांच 106 करोड़ रुपये, हैदराबाद मेन ब्रांच 63.50 करोड़ रुपये और कोलकाता मेन ब्रांच 55.44 करोड़ रुपये बॉन्ड इनकैश किए गए लिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर लगाने से किया था इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एनजीओ द्वारा राजनीतिक दलों की फंडिंग और कथित तौर पर परिवर्तन की कमी को लेकर दायर किया जनहित याचिका पर विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था। इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों का नाम सार्वजनिक नहीं किया जाता है और ये जारी होने की तारीख से 15 दिनों के लिए वेलिड होते हैं। इनको बैंक से दानदाताओं द्वारा खरीदा जा सकता है और राजनीतिक दल फिर इनको भुना सकते हैं & nbsp;

यह भी पढ़ें

महाराष्ट्र: ताने के मुंब्रा इलाके में अस्पताल में आग लगाने, शिफ्टिंग के दौरान 4 लोगों की मौत

कोरोना वैक्सीन पंजीकरण: 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए आज से शुरू होगा ऑनलाइन पंजीकरण, जान लें पूर्ण प्रक्रिया

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment