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इंडोनेशिया में आईएस का खतरा

खतरा: इराक-सीरिया के बाद इंडोनेशिया में बढ़ा आईएस का प्रभाव

by Sneha Shukla

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न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस, जकार्ता

द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
Updated Sat, 03 अप्रैल 2021 01:12 AM IST

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दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया में आतंकी संगठन (आईएस) दो साल बाद भी खतरा बना हुआ है। जबकि सीरिया और इराक में इस दौरान हार के साथ ही यह संगठन कमजोर पड़ा है। इंडोनेशिया में यह आतंकी संगठन व्यक्तिगत और पारिवारिक रूप से धार्मिक कट्टरपंथियों से संबंध बनाने में कामयाब हो गया है।

हाल ही में 28 मार्च को सुलावेसी प्रांत की राजधानी मकासर में पवित्र चर्च के पास हुआ आत्मघाती हमला इसी का नतीजा पाया गया है। पाम संडे के मौके पर इंडोनेशियाई बेसेड इंजीनियरिंग के बाहर नई शादी के बंधन में बंधी जोड़ी ने इस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया था। इसमें आईएस से प्रभावित जोड़ा गया था। इस हमले में 20 लोग घायल हुए थे और पति-पत्नी की मौत हो गई थी। शौहर-बीवी आत्मघाती अध्यायों की इंडोनेशिया में यह तीसरी घटना है। इसी तरह की घटना पिछले साल अगस्त में हुई जब मोहम्मद लुकमान ने इस्लामिक प्रार्थना समूह के प्रमुख रिजाल्दी के घर निकाह रचाया और कुछ महीने बाद ही पति-पत्नी ने प्रेशर कुकर बम छाती से बांधकर मकासर में विषाल चर्च के बाहर खुद को उड़ा दिया।

कई परिवारों का ब्रेन वॉश हो रहा है
इंडोनेशिया में आईएस का संबंध परिवारों के साथ काफी घुलमिल चुका है। आईएस के आतंकी इन परिवारों में पति-पत्नी और अन्य सदस्यों को इस्लाम के नाम पर तबाही के लिए प्रेरित कर रहे हैं। सुराबाया के पुलिस कप्तान मो। इलियास ने बताया कि लोगों का ब्रेन वाश किया जा रहा है, जो सबसे बड़ा खतरा है। यहां 2018 में छह सदस्यीय परिवार ने जावानीस शहर के दो चर्चों में बम बांधकर खुद को उड़ाया था। इनमें मारे गए 28 लोगों में इस हमले को पति-पत्नी और चार बच्चों ने अंजाम दिया था।

विस्तार

दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया में आतंकी संगठन (आईएस) दो साल बाद भी खतरा बना हुआ है। जबकि सीरिया और इराक में इस दौरान हार के साथ ही यह संगठन कमजोर पड़ा है। इंडोनेशिया में यह आतंकी संगठन व्यक्तिगत और पारिवारिक रूप से धार्मिक कट्टरपंथियों से संबंध बनाने में कामयाब हो गया है।

हाल ही में 28 मार्च को सुलावेसी प्रांत की राजधानी मकासर में पवित्र चर्च के पास हुआ आत्मघाती हमला इसी का नतीजा पाया गया है। पाम संडे के मौके पर इंडोनेशियाई बेसेड इंजीनियरिंग के बाहर नई शादी के बंधन में बंधी जोड़ी ने इस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया था। इसमें आईएस से प्रभावित जोड़ा गया था। इस हमले में 20 लोग घायल हुए थे और पति-पत्नी की मौत हो गई थी। शौहर-बीवी आत्मघाती अध्यायों की इंडोनेशिया में यह तीसरी घटना है। इसी तरह की घटना पिछले साल अगस्त में हुई जब मोहम्मद लुकमान ने इस्लामिक प्रार्थना समूह के प्रमुख रिजाल्दी के घर निकाह रचाया और कुछ महीने बाद ही पति-पत्नी ने प्रेशर कुकर बम छाती से बांधकर मकासर में विषाल चर्च के बाहर खुद को उड़ा दिया।

कई परिवारों का ब्रेन वॉश हो रहा है

इंडोनेशिया में आईएस का संबंध परिवारों के साथ काफी घुलमिल चुका है। आईएस के आतंकी इन परिवारों में पति-पत्नी और अन्य सदस्यों को इस्लाम के नाम पर तबाही के लिए प्रेरित कर रहे हैं। सुराबाया के पुलिस कप्तान मो। इलियास ने बताया कि लोगों का ब्रेन वॉश किया जा रहा है, जो सबसे बड़ा खतरा है। यहां 2018 में छह सदस्यीय परिवार ने जावानीस शहर के दो चर्चों में बम बांधकर खुद को उड़ाया था। 28 लोग मारे गए थे, इस हमले को पति-पत्नी और चार बच्चों ने अंजाम दिया था।



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