वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
द्वारा प्रकाशित: जीत कुमार
अपडेटेड मैट, 12 मई 2021 12:50 AM IST
चीनी के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)
– फोटो: फेसबुक
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एसोसिएटेड प्रेस और ऑक्सफ़ोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट ने इस मामले की गहन पड़ताल की है। में उसने गिरने के बारे में पाया कि फर्जी अकाउंट के जरिए चीनी राजनयिकों और सरकारी मीडिया के ट्वीट को हजारों बार रिट्वीट कर दिया जाता है।]
सबसे दिलचस्प बात यह है कि चीनी राजनयिकों ने ट्विटर और फेसबुक पर बड़ी संख्या में अपना खाता खोला रखा है, लेकिन चीन में इन दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उदाहरण के तौर पर समझिए कि लियू ने सैटेलाइट पर प्रोफाइल बनाई है। उनके यहाँ 1,19,000 फॉलोअर्स हैं। और वे लगातार विदेश नीति को लेकर चीन के पक्ष में ट्वीट करते हैं और चीन विरोधियों को जबाव देते हैं। उनके समर्थक उनके ट्वीट को बड़ी संख्या में तस्वीरों को भी करते हैं जो कि बनावटी लगता है।
वहीं, एसोसिएटेड प्रेस और ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट में पड़ताल में पाया गया कि इंटरनेट करने से प्रचार सामग्री लाखों लोगों तक पहुंच सकती है।]इसके लिए चीन फर्जी खाता का सहारा ले रहा है। साथ ही चीन सोशल मीडिया पर प्रचार जो सामग्री प्रसारित कर रहा है, यह पूरी तरह से सरकार द्वारा प्रायोजित है।
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