रेटेड कांग्रेस में सचिन पड़ोसी और अशोक गेहलोत के बीच भले ही कुछ दिनों से सीजफायर जैसी स्थिति है, लेकिन एक बार फिर से संघर्ष बढ़ सकता है। सचिन वेस्टर्न ने क्रेन विस्तार और राजनीतिक स्थितियों को लेकर बयान दिया है, जिससे एक बार फिर से टकराव बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे पश्चिमी ने मीडिया से कहा कि सोनिया गांधी के निर्देश पर कांग्रेस में जो सुलह कमेटी बनी थी, उसकी सिफारिशों पर तुरंत कार्रवाई हो, अब देरी का कोई कारण नहीं है। उनके इस बयान से साफ है कि अभी तक पायलट खेमे में अनुकरणोश थमा नहीं है और यह गेहलोत सरकार और कांग्रेस के लिए चिंता की वजह बन सकती है।
सचिन पश्चिमी ने कहा कि कई महीने पहले एक कमेटी बनी थी। दुर्भाग्यवश अहमद पटेल का स्वर्गवास हो गया और उस पर आगे काम नहीं हो पाया। मुझे विश्वास है कि अब और बहुत देरी नहीं होगी। जिन मुद्दों पर आम सहमति बनी हुई थी, उस पर तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए, और ऐसा ही लगता है। राजस्थान कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पायलट खेमा अब आलिया में अपने समर्थक विधायकों के लिए 4 मंत्री पद और राजनीतिक पदों पर भी बराबर की भागीदारी की मांग कर रहा है। इसके बारे में पायलट कई बार दिल्ली में प्रियंका गांधी और अजय माकन से भी मिल चुके हैं।
पायलट के बयान से साफ है कि उनके खेमे की मांगों को नहीं माना गया है, फिर से दोनों गुटों में खुलकर टकराव हो सकता है। पायलट ने रमेश मीणा और अन्य विधायकों के दलित आदिवासी विधायकों से भेदभाव के मुद्दे पर भी उनका समर्थन किया है। बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद एक खेमा सचिन पायलट को सीएम बनाए जाने की मांग कर रहा था। हालांकि हाईकमान ने उन्हें डिप्टी सीएम बनाया था। फिर भी मतभेद जारी होने और कई बार उनके बीजेपी में शामिल होने की भी चर्चाएं चलीं। अंत में आरक्षित पायलट डिप्टी सीएम पद से भी हटा दिया गया, लेकिन एक समझौते के तहत वह पार्टी में बने रहे। अब एक बार फिर से उनके गुट ने मांगों को पूरा करने की बात कही है।
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