कोरोना से बढ़ती आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों ने गोल्ड में निवेश बढ़ा दिया है। विशेष कर गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों का पैसा लगाना लगातार बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान गोल्ड ईटीएफ में निवेश वृद्धि कर चार गुना हो गया है। इस दौरान यह निवेश बढ़ा कर 6,900 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह लगातार दूसरे साल था जब गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ा है, वरना 2013-24 से गोल्ड ईटीएफ से लगातार निकासी देखने को मिल रही थी।
आगे भी जारी रह सकता है ईटीएफ में निवेश का ट्रेंड
पैसे का कहना है कि ईटीएफ में निवेश का यह ट्रेंड आगे कुछ समय तक जारी रह सकता है। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर से बाजार सहमा हुआ है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ऑफ इंडिया यानी एएमएफआई के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 की समाप्ति तक गोल्ड से जुड़े 14 ईटीएफ में 6,919 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। यह 2019-20 में 1614 करोड़ रुपये के निवेश से चार गुना है। ईटीएफ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर से शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है। इस तरह के निवेशकों के विचारों की तरह सुरक्षित एसेट्स बढ़ सकते हैं। निवेशकों के हिसाब से ईटीएफ ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
क्या है ईपीएफ?
गोल्ड ईटीएफ का मतलब गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है। सभी बड़े स्टॉक एक्सचेंज में इसका शनिवार होता है। जिस तरह से शेयर खरीदते हैं ठीक उसी तरह स्टॉक एक्सचेंज से गोल्ड ईटीएफ भी खरीद सकते हैं। यहां आप सोने की ऑनलाइन खरीदारी करते हैं और उसके बाद बेचैन भी हो सकते हैं। इनकी खरीद-बिक्री भी डीमैट अकाउंट के जरिये ही की जाती है ।गोल्ड ईटीएफ फंड बड़े पैमाने पर फिजिकल गोल्ड की खरीदता है और वह स्टोर करता है। यह ईटीएफ के पास होता है और निवेशकों को उनके निवेश के बदले शेयर ऑफर किए जाते हैं।
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