कोरोना ट्रांसफ़र की दूसरी लहर तेज होने के पहले गोल्ड की कारों में गिरावट आई थी। एक्स में इसकी कीमतें 45 हजार रुपये प्रति दस ग्राम से नीचे गिरने के बाद फिर से बढ़ने लगी हैं। 1 अप्रैल को इसकी कीमत 44800 रुपये प्रति दस ग्राम थी, लेकिन अब तक लगभग पांच प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हो गया है। एक्स में गोल्ड जून फ्यूचर 47243 रुपये प्रति दस ग्राम पर चल रहा है। ऐसे में यह अंजाजा लगाया जा रहा है, एक बार फिर पीक पर पहुंच सकता है। पिछले साल अगस्त में यह 56 हजार रुपये प्रति दस ग्राम की कीमत का स्तर छू गया था। ऐसे में निवेश किया जाए या नहीं? अभी तक इसमें निवेश कर अच्छा रिटर्न हासिल किया जा सकता है। और निवेश भी किया जाएगा तो इसका तरीका क्या होगा?
फिर तेज चढ़ाई से सोना हो सकता है
कहने का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में आर्थिक गतिविधियों में तेजी से गोल्ड के मूल्य में कमी आगी लेकिन अगर कोरोना संक्रमण की चाल तेज हुई तो इसकी कीमत फिर से बढ़ सकती है। ऐसे में आप अभी तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। चूंकि यूएस बॉन्ड केडेल्ड में गिरावट आ रही है इसलिए गोल्ड की कीमतों में एक बार फिर तेजी दिख रही है। लिहाजा अगर अभी गोल्ड में निवेश कर रहे हैं तो शॉर्ट टर्म में आप इसका फायदा उठा सकते हैं।
गोल्ड में निवेश का तरीका कौन है?
अब सवाल यह है कि इसमें निवेश का बढ़िया तरीका क्या है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ या सरकार की ओर से जारी सोवरन गोल्ड बॉन्ड में निवेश हो सकता है। हालांकि ईटीएफ में डी-मैट खाता होने पर केवल निवेश कर सकते हैं। लेकिन सोवरन गोल्ड बॉन्ड में डीमैट और फिजिकल दोनों तरीकों से निवेश कर सकते हैं। सोवरन गोल्ड बॉन्ड पांच से आठ साल तक के लिए जारी किया जाता है और इसमें पांच साल का लॉक-इन पीरियड होता है। पांच, छठे और सातवें वर्ष में आप आंशिक निकासी कर सकते हैं।
जुआरी, गोल्ड स्टॉकर्स, बार में निवेश से गोल्ड से हासिल मुनाफा कम हो जाता है, लेकिन गोल्ड ईटीएफ गोल्ड की वास्तविक लागत दर्शाता है और इसमें निवेश कम खर्चीला है। सोवरन गोल्ड बॉन्ड सरकार जारी करती है। यह कुछ दिनों के लिए खुलता है।
टर्म, लाइफ एंड हेल्थ इंश्योरेंस में कोई बात नहीं जानता तो यहां जानिए
।
Homepage | Click Hear |