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ग्राउंड रिपोर्ट दिल्ली : बिस्तर, ऑक्सीजन और दवाओं के बाद अब वैक्सीन भी नहीं

by Sneha Shukla

देश की राजधानी का स्वास्थ्य प्रणाली कोरोना रोगियों को इलाज देने में नाकाफी साबित हो रहा है। बिस्तर, ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं के लिए मची मारामारी के बीच अब कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन भी खत्म हो चुका है।

हालात इस कदर खराब हैं कि केंद्र सरकार आगामी एक मई से दिल्ली सहित पूरे देश में 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण शुरू कर रही है। दिल्ली में कोविन वेबसाइट ने युवाओं को हैरान कर दिया है। वेबसाइट पर उन्हें रेगायन तो मिल गया, लेकिन जब अप् पमेंट की बारी आई तो उन्हें घंटों दिमाग लगाने के बाद भी कोई केंद्र नहीं मिला।

इसके बारे में मिलीं शिकायतों के बाद जब ‘अमर उजाला’ संवाददाता ने जमीनी हकीकत पता करने का प्रयास किया तो राजधानी के सरकारी और प्राथमिक केंद्रों की स्थिति सामने आई। पड़ताल में पता चला कि दिल्ली को 16 जनवरी से अब तक 36,90,710 डोज मिले हैं, जिनमें से 3.96 प्रतिशत बर्बाद हो चुके हैं। 32,43,300 डोज का इस्तेमाल किया गया।

वर्तमान में 4,47,410 लाख डोज उपलब्ध हैं। साथ ही अगले तीन दिन में राजधानी को 1.50 लाख वैक्सीन डोज और मिलने वाली हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के यह आंकड़े राजधानी में वैक्सीन की कमी नहीं बता रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली में अभी वैक्सीन नहीं है। कंपनियों से कहा गया है कि जल्द से जल्द आपूर्ति करें।

पंजीयन के बाद सामने आई सच्चाई
एक मई से चौथा चरण शुरू होने के कारण 32 वर्ष शेफाली गुलाटी ने बुधवार को कोविन वेबसाइट पर पंजीयन किया, लेकिन ओटीपी उन्हें अगले दिन बृहस्पतिवार को मिला। उन्होंने फिर प्रयास किया तो पंजीयन हो गया, लेकिन अप्पीकरण ही नहीं मिला। कोविन वेबसाइट पर लिखा था कि अभी तक आपके लिए भी कोई केंद्र पर वैक्सीन नहीं है। शेफाली का कहना है कि दिल्ली में न बिस्तर हैं और न ही ऑक्सीजन। दवाएं मिल नहीं रही हैं। अब वैक्सीन का भी यह हाल हो गया है।

केंद्रों ने कहा, गिनती की डोज हैं
पूर्वी दिल्ली के चार अलग-अलग वैक्सीन केंद्रों पर पहुंचकर जब स्टॉक के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि उनके पास नए लोगों के लिए वैक्सीन नहीं है। चाचा नेहरू अस्पताल में केवल 58 डोज हैं। एलबीएस में 66 और विरमानी में 76 डोज हैं, लेकिन यह सभी 45 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए हैं। साथ ही यह डोज उन्हीं लोगों के लिए हैं जो हाल ही में दूसरे डोज के लिए अप् पमेंट लिया था।

स्पूतनिक का पता नहीं, कोविशील्ड थोड़ा बची
राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल स्थित वैक्सीन भंडारण में जब वास्तविक स्थिति का पता लगाया गया तो वहां मौजूद कर्मचारी रमेश कुमार ने कहा कि स्पूतनिक वैक्सीन का उन्हें कोई आइडिया नहीं है। अभी उनके पास केवल कोविशील्ड वैक्सीन के ही वॉयल हैं और वह भी ज्यादा नहीं है। वहीं, कर्मचारी विवेक सिंह ने कहा कि कोवाक्सिन तो उनके पास पहले से ही विवरण हो चुका है। वह केंद्र सरकार के केवल अस्पतालों में मिल रही है।

कोरोना से लड़ने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
1. अस्पताल में बिस्तर: खाली नहीं
2. वेंटिलेटर: एक भी खाली नहीं
3. रोगियों को ऑक्सीजन: मुश्किल भरा
4. रेमदेसीवीर, टोसिलिजुमैतब: नहीं
5. ऑक्सीजन के नए सिलिंडर: नहीं
6. कोरोना वैक्सीन की डोज: आउट ऑफ स्टॉक
7. ऑक्सीमीटर और अन्य सहायक उपकरण: बाजार में नहीं
8. मरीजों को फोन पर लक्षण सलाह: वह भी नहीं
9. रोगियों के लिए हेल्पलाइन: व्यस्त ही व्यस्त
10. शवों के लिए एर्केन: लंबी वेटिंग
11. श्मशान घाट पर लकड़ी: आउट ऑफ स्टॉक
12. रोगियों के लिए एकारेंस: लंबी वेटिंग

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