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ग्रोथ रेट पर रेटिंग एजेंसियों के नजरिये से सरकार संतुष्ट नहीं, बात करेगी

ग्रोथ रेट पर रेटिंग एजेंसियों के नजरिये से सरकार संतुष्ट नहीं, बात करेगी

by Sneha Shukla

कोरोना संक्रमण से लगे हुए आर्थिक झटकों की वजह से आंतरिक रेटिंग संयोजकों ने भारत के जीडीपी ग्राउंडोथ अनुमान में दो से तीन प्रतिशत की कटौती की है। मिटीज, स्टाउट्स से गर्म मौसम में सभी को परिचय मिलता है। यह सुनिश्चित नहीं है। भारत सरकार का मानना ​​है कि कोरोना की दूसरी लहर का देश की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। लिहाजा रेटिंग एजेंसियों की रेटिंग में जो कटौती की गई है वह ठीक नहीं है। इस बारे में बात करने वाला है. 

सरकार का मालिक है, इस बार की बोल्‍ड

है कि रेटिंग एजेंसियों को इस बार के हालात के बारे में बताना जरूरी है। रेटिंग एजेंसियों को यह बताना जरूरी है कि पिछली बार के हालात से इस बार के हालात में अंतर है। सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन नहीं लगाया है। राज्य को अपने सबसे अच्छे रूप में रखना चाहिए और उसे पहचान भी रखना चाहिए. पिछले साल की तरह ही इस बार आर्थिक गतिविधियों में ज्यादा गिरावट नहीं आई है। इस तरह से निर्धारित अनुमानों को कम से कम घटाया गया।

कई से घटिया अंदाज़

हाल में रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान 13.7 प्रति से घटाकर 9.3 प्रतिशत कर दिया है। रेटिंग एजेंसियों की रेटिंग तय करने और जीडीपी ग्रोथ दसवीं करने के पैमाने के बारे में पहले भी वित्त मंत्रालय ने बात की है। ग्लोबल एंड्रूज के मौसम के मौसम के मौसम के मौसम के अनुसार भारत में संक्रमण की वजह से कीट जैसा दिखने वाला जैसा होता है वैसा ही कीटाणु जैसा होता है जैसा कि इस तरह के मौसम के मौसम में सबसे खराब होता है।” ️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ हालांकि सरकार का कहना है कि इस बार अर्थव्यवस्था पर कोरोना का कार्यक्रम होगा। लिहाजा रेटिंग एजेंसियां"लेख का शीर्षक"> ए क्लिक्स की जांच के दौरान, मौखिक रूप से बढ़े हुए ८१ बढ़े हुए शेयर की मात्रा 14.50 डॉलर की डिविडेंड का

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