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प्रतीकात्मक तस्वीर

चिंताजनक: देश में आठ जनवरी के बाद नहीं हुआ राष्ट्रीय सीरो सर्वे

by Sneha Shukla

परीक्षित निर्भय, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: जीत कुमार
अपडेटेड शुक्र, 07 मई 2021 06:36 AM IST

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महामारी की स्थिति पता करने के लिए सीरो डेवलपर एक महत्वपूर्ण भूमिका दिखाता है लेकिन संक्रमण की दूसरी लहर में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) इस पर चर्चा तक नहीं कर रही है। यह स्थिति तब है जब हाल ही में दिल्ली एम्स के निदेशक ने कहा है कि देश में एक बड़ी आबादी कोरोना संक्रमण की चपेट में पड़ चुकी है।

एक तरह से देश हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ रहा है लेकिन वर्तमान स्थिति देखकर हर्ड इम्युनिटी भी बेअसर दिखाई दे रही है। ऐसे में तत्काल बड़े स्तर पर सीरो डेवलपर की आवश्यकता है।

इसके बारे में आईसीएमआर की ओर से भी कोई जानकारी नहीं दी गई लेकिन आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ। बलराम भार्गव दूसरी लहर आने से पहले ही संकेत दे चुके थे कि एक बड़ी आबादी को कोरोना संक्रमण का खतरा है।

सीरो डेवलपर के माध्यम से ही उन्हें यह संकेत प्राप्त हुआ था। जानकारी के अनुसार आईसीएमआर ने अब तक देश में तीन बार सीरो डेवलपर किया है। तीसरा डेवलपर पिछले साल दिसंबर और इस साल की आठ जनवरी तक किया था।

इसके माध्यम से सरकार को साक्ष्य मिले थे कि 10 वर्ष या उससे अधिक आयु को 21 प्रति से ज्यादा आबादी के संक्रमण के दायरे में आ चुके है। 700 स्थानों पर किए गए इस सर्वे में 28589 लोगों के सैंपल के बारे में जांच की गई थी।

इस दौरान 21.4 फीसदी लोगों में पाए गए थे। नई दिल्ली स्थित महामारी विशेषज्ञ डॉ। दिव्येंदु मिश्रा का कहना है कि देश को तत्काल चौथे सीरो डेवलपर की आवश्यकता है क्योंकि इस बार देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी महामारी पहुंच गई है।

विस्तार

महामारी की स्थिति पता करने के लिए सीरो डेवलपर एक महत्वपूर्ण भूमिका दिखाता है लेकिन संक्रमण की दूसरी लहर में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) इस पर चर्चा तक नहीं कर रही है। यह स्थिति तब है जब हाल ही में दिल्ली एम्स के निदेशक ने कहा है कि देश में एक बड़ी आबादी कोरोना संक्रमण की चपेट में पड़ चुकी है।

एक तरह से देश हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ रहा है लेकिन वर्तमान स्थिति देखकर हर्ड इम्युनिटी भी बेअसर दिखाई दे रही है। ऐसे में तत्काल बड़े स्तर पर सीरो डेवलपर की आवश्यकता है।

इसके बारे में आईसीएमआर की ओर से भी कोई जानकारी नहीं दी गई लेकिन आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ। बलराम भार्गव दूसरी लहर आने से पहले ही संकेत दे चुके थे कि एक बड़ी आबादी को कोरोना संक्रमण का खतरा है।

सीरो डेवलपर के माध्यम से ही उन्हें यह संकेत प्राप्त हुआ था। जानकारी के अनुसार आईसीएमआर ने अब तक देश में तीन बार सीरो डेवलपर किया है। तीसरा डेवलपर पिछले साल दिसंबर और इस साल की आठ जनवरी तक किया था।

इसके माध्यम से सरकार को साक्ष्य मिले थे कि 10 वर्ष या उससे अधिक आयु को 21 प्रतिशत से ज्यादा आबादी के संक्रमण के दायरे में आ चुके है। 700 स्थानों पर किए गए इस सर्वे में 28589 लोगों के सैंपल के बारे में जांच की गई थी।

इस दौरान 21.4 फीसदी लोगों में पाए गए थे। नई दिल्ली स्थित महामारी विशेषज्ञ डॉ। दिव्येंदु मिश्रा का कहना है कि देश को तत्काल चौथे सीरो डेवलपर की आवश्यकता है क्योंकि इस बार देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी महामारी पहुंच गई है।

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