देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने मार्च तिमाही में 1,166 करोड़ रुपये के मुनाफे का ऐलान किया है लेकिन यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 9.7 प्रतिशत कम है। हालांकि कंपनी के रेवेन्यू में वृद्धि हुई और यह 34 प्रतिशत बढ़ कर 22,959 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। दरअसल कच्चे माल की कीमतों में इजाफे और नॉन-ऑपरेटिंग इनकम में गिरावट की वजह से कंपनी के शुद्ध मुनाफे में कमी आई है।
कार बाजार में अस्थिरता की आशंका
मारुति प्रबंधन का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में इसका खाद कम कम नहीं हुआ है। कंपनी के चेयरमेट आर सी भार्गव ने कहा है कि दूसरी कोरोना लहर से कंपनी की बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा है। इसने जितनी यूनिट्स का प्रोडक्शन किया था उन्हें बेचने में कामयाब रही है। उन्होंने कहा कि भले ही कुछ राज्यों में बाजार बंद हो लेकिन जिन राज्यों में बाजार खुले हैं वहां से मांग आ रही है और इससे कार की घटी बिक्री की भरपाई हो रही है। फिर भी उन्होंने यह जरूर कहा कि आने वाले वक्त में बाजार की स्थिति कैसी रहेगी यह कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि कोई नहीं जानता कि आगे क्या होगा। कोरोना की वजह से लॉकडाउन की स्थिति क्या रहेगी, यह कहना मुश्किल है। इसलिए अगली तिमाहियों के लिए अनुमान पेश करना ठीक नहीं होगा।
मार्च तिमाही में परिचालन बढ़ा
मार्च तिमाही में मारुति सुजुकी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 72.8 फीसदी बढ़कर 1250.1 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। ज्यादा बिक्री और लागत कम करने से लेकर तेजी आई है। मार्च तिमाही में कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन 5.4 प्रतिशत से अधिक हो गया। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी की शुद्ध बिक्री 7.2 फीसदी की गिरावट के साथ 66,562.1 करोड़ रुपये पर आ गई। शुद्ध प्रॉफिट 25 प्रति घटाकर 4,229.7 करोड़ रुपये रहा। नेशनल स्टॉक एक्स (NSE) पर कंपनी का शेयर 0.1 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6629.6 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
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