Home » चौथी लहर निकलने के संकेत: दिल्ली में लगातार तीसरे दिन कोरोना के नए मामलों में कमी, मौत पर नियंत्रण नहीं
कोरोना की जांच करता स्वास्थ्यकर्मी।

चौथी लहर निकलने के संकेत: दिल्ली में लगातार तीसरे दिन कोरोना के नए मामलों में कमी, मौत पर नियंत्रण नहीं

by Sneha Shukla

दिल्ली में भी कोरोनावायरस की चौथी लहर निकलने के प्रारंभिक संकेत मिलने लगे हैं। लगातार तीसरे दिन सोमवार को नए मामलों में कमी आई है। साथ ही 16 अप्रैल के बाद पहली बार 20 हजार से कम मरीज एक दिन में मिले हैं। हालांकि ऑक्सीजन और बिस्तरों के संकट की वजह से सरकार मरने वालों की संख्या पर कम करने में नाकामीन हो रही है। पहली बार एक दिन में 448 लोगों की जान गई है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले एक दिन में 18043 लोग कोरोना स्वभाव हुए हैं। जबकि 20,293 मरीजों को डिस्चॉर्ज किया गया। 61,045 सैंपल की जांच में कोरोना संक्रमण दर 29.56 प्रति दर्ज की गई है। इस बीच 448 रोगियों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

राजधानी में कोरोना ग्राफ को देखें तो 30 अप्रैल को 27047 मामले मिले थे। इसके बाद एक मई को 25,219 और दो मई को 20,394 मामले मिले। तीन दिन से कम हो रहे नए मामलों को देखते हुए ही कहा जा रहा है कि शायद दिल्ली में चौथी लहर का पीक निकल चुका है। हालांकि नई दिल्ली स्थित डॉ। दिवेंदु वर्मा का कहना है कि अभी तक एक सप्ताह तक मरीजों की संख्या कम रहती है तो यह कहा जा सकता है कि दिल्ली चौथी लहर से बाहर आने वाली है। हालांकि वर्तमान स्थिति ऐसी है कि यह लहर से पूरी तरह से बाहर आने में कम से कम एक से दो महीने का वक्त लग सकता है। इस बीच अगर लोगों ने नियमों का पालन नहीं किया तो पांचवीं लहर का सामना भी करना पड़ सकता है।

राजधानी में कुल रोगी रोगियों की संख्या 12,12,989 हो गई है, जिसमें से 11,05,983 मरीज स्वायत्त हो चुके हैं। वहीं 17414 मरीजों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में सक्रिय रोगियों की संख्या भी हर दिन घटती जा रही है। अभी तक 89,592 सक्रिय मरीज हैं जिनमें से 50,441 मरीज अपने घरों में स्वस्थ हैं। 44,052 क्षेत्र कोरोना संक्रमण की वजह से सील किए जा रहे हैं।

केवल 1,611 युवाओं ने वैक्सीन ली
सोमवार को सोशल मीडिया पर दिल्ली सरकार ने युवाओं के वैक्सीन लेने के कार्यक्रम को काफी बढ़ावा भी दिया लेकिन शाम को जब टीकाकरण के आंकड़ें सामने आए तो एक दिन में केवल 1,611 लोगों को वैक्सीन मिलने की जानकारी दी गई जिसमें से 1,260 पहले और 351 ने कहा है दूसरा डोज ली। जबकि एक दिन पहले यह आंकड़ा 45 हजार से भी अधिक था।

हालांकि कोरोना की जांच कम होने का भी एक कारण है
पिछले तीन दिन के दौरान नए मामलों में कमी आई है लेकिन इसके पीछे एक कारण कोरोना की कम जांच होना भी है। पिछले एक दिन में ही 61,045 सैंपल की जांच की गई जबकि उससे पहले 2 मई को 71,997 एक मई को 79,780 और 30 अप्रैल को 82,745 सैंपल की जांच की गई थी। इससे साफ पता चलता है कि कोरोना की जांच कम होने से नए मामलों के बढ़ते ग्राफ पर भी असर पड़ा है।

सरकार चाहे तो बच सकती है मरीजों की जान
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के पूर्व संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ। आर गंगाखेड़कर का कहना है कि कोरोना मरीजों की मौत को रोका जा सकता है। हमने पिछले साल यह साबित किया था। मरीज को समय पर इलाज मिलता है तो ऐसा हम कर सकते हैं। होम आइसोलेशन में रोगी को घर बैठे स्वास्थ्य संबंधी सलाह, अस्पतालों में बिस्तर और ऑक्सीजन के पर्याप्त इंतजाम पर जितनी जल्दी हो सके, ध्यान देना होगा।

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment