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प्रतीकात्मक तस्वीर

झारखंड: रांची में शवों को जलाने के लिए श्मशान में लगी कतार, सड़क पर किया अंतिम संस्कार

by Sneha Shukla

रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, रांची

द्वारा प्रकाशित: देव कश्यप
अपडेटेड थू, 15 अप्रैल 2021 12:22 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो: पीटीआई

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कोरोना की दूसरी लहर ने झारखंड में भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। रांची में कोरोना से होने वाली मौतों ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हालात यह है कि अब शमशान घाटों पर अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि श्मशान घाटों में शवों को जलाने के लिए जगह नहीं बची है।

झारखंड में कोरोनाटेन्स का आंकड़ा हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। पिछले 10 दिनों में रांची के शमशान और कब्रिस्तान में शवों के आने की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

बता दें कि रविवार को रिकॉर्ड 60 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। इन 12 शव कोरोना संभावितों के थे। जिनकी दाह संस्कार गूघरा में सामूहिक चिता जला कर किया गया। 35 शव पाँच शमशान घाटों पर जलाए गए और 13 शवों को रातू रोड और कांटाटोली कब्रिस्तान में डफना गया।

सड़क पर करना अंतिम संस्कार था
सबसे अधिक शतों का दाह संस्कार हरमू मुक्ति धाम में हुआ। मृतकों की संख्या अधिक होने से मुक्तिधाम की इलेक्ट्रिक शव दाह मशीन खराब हो गई। जिसकी वजह से शव जलाने वालों की कतार लग गई। एर्न्स से शव लेकर आए लोगों ने पहले घंटों इंतजार किया। फिर भी जब जगह नहीं मिली तो कुछ लोगों ने खुले में ही चिता सजाकर शव जलाना शुरू कर दिया।

कोरोना से मरने वालों के शवों को इलेट्रिक मशीन के जरिए जलाया जाता है, लेकिन जगह नहीं रहने की वजह से लोगों को मुक्तिधाम के सामने की सड़क पर वाहनों की पार्किंग में ही शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा है। मशीन खराब होने की वजह से हालात ऐसे हो गए कि देर शाम तक हरमू मुक्तिधाम में कई लोग शव लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। हालांकि अब मशीन को ठीक कर लिया गया है।

विस्तार

कोरोना की दूसरी लहर ने झारखंड में भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। रांची में कोरोना से होने वाली मौतों ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हालात यह है कि अब शमशान घाटों पर अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि श्मशान घाटों में शवों को जलाने के लिए जगह नहीं बची है।

झारखंड में कोरोनाटेन्स का आंकड़ा हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। पिछले 10 दिनों में रांची के शमशान और कब्रिस्तान में शवों के आने की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

बता दें कि रविवार को रिकॉर्ड 60 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। इन 12 शव कोरोना संभावितों के थे। जिनकी दाह संस्कार गूघरा में सामूहिक चिता जला कर किया गया। 35 शव पाँच शमशान घाटों पर जलाए गए और 13 शवों को रातू रोड और कांटाटोली कब्रिस्तान में डफना गया है।

सड़क पर करना अंतिम संस्कार था

सबसे अधिक शवों का दाह संस्कार हरमू मुक्ति धाम में हुआ। मृतकों की संख्या अधिक होने से मुक्तिधाम की इलेक्ट्रिक शव दाह मशीन खराब हो गई। जिसकी वजह से शव जलाने वालों की कतार लग गई। एर्न्स से शव लेकर आए लोगों ने पहले घंटों इंतजार किया। फिर भी जब जगह नहीं मिली तो कुछ लोगों ने खुले में ही चिता सजाकर शव जलाना शुरू कर दिया।

कोरोना से मरने वालों के शवों को इलेट्रिक मशीन के जरिए जलाया जाता है, लेकिन जगह नहीं रहने की वजह से लोगों को मुक्तिधाम के सामने की सड़क पर वाहनों की पार्किंग में ही शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा है। मशीन खराब होने की वजह से हालात ऐसे हो गए कि देर शाम तक हरमू मुक्तिधाम में कई लोग शव लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। हालांकि अब मशीन को ठीक कर लिया गया है।

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