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तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में आज थम जाएगा प्रचार, सियासी दलों ने झोंकी ताकत

तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में आज थम जाएगा प्रचार, सियासी दलों ने झोंकी ताकत

by Sneha Shukla

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तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में 6 अप्रैल को चुनाव होने हैं। जिसका चुनाव प्रचार आज थम जाएगा। आपको बता दें कि TN की 234, केरल की 140 और पुदुचेरी की 30 सीटों पर मंगलवार को जनता ने अपना मतदान किया।

TN में विधानसभा की 234 सीटें हैं। यहां अभी एआईएडीएमके की सरकार है और एडप्पाडी के पलानीस्वामी मुख्यमंत्री हैं। पिछले चुनाव में AIADMK ने 136 और मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके ने 89 सीटें जीती थीं। यहां बहुमत के लिए 118 सीटें चाहिए। इस समय यहां डीएमके ने सत्ता में आने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, जो कि कांग्रेस के साथ गठबंधन में है।

जयललिता और करुणानिधि के बिना पहला विधानसभा चुनाव
एआईएडीएमके जो कि बीजेपी के साथ गठबंधन में है वह हैट्रिक लगाने की कोशिश में जुटी है। यह पहली बार होगा जब राज्य के दो बड़े स्टॉलवर्ट जयललिता और करुणानिधि नहीं रहे। ऐसे में कौन किसकी विरासत को आगे ले जाएगा इसने इन चुनावों को काफी दिलचस्प बना दिया है। एक ओर करुणानिधि के पुत्र स्टालिन का चेहरा तो दूसरी ओर पलनीसामी मैदान में है।

पुदुचेरी में दिलचस्प चुनाव हुए
पुदुचेरी केंद्र शासित प्रदेश है। पुदुचेरी में विधानसभा की कुल 30 सीटें हैं। कुछ दिन पहले ही यहाँ कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की सरकार गिर गई थी। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 15 सीटें जीती थीं। ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस ने 30 सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ आठ सीटें जीती थीं। अन्य के खातों में सात गए। यहां बहुमत के लिए 16 सीटें चाहिए।

नारायणसामी की सरकार गिरने के बाद यहां पर भी चुनाव काफी दिलचस्प दिखाई दे रहे हैं। एक और जहां एनडीए सत्ता में काबिज होने की पूरी कोशिश में जुटी है, तो दूसरी तरफ लगातार बीजेपी पर आरोप लगाकर कांग्रेस चुनाव जीतकर बीजेपी को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर रही है।

केरल में कांग्रेस के लिए साख की लड़ाई
केरल में विधानसभा की 140 सीटें हैं। वर्तमान में यहां सीपीआईएम के नेतृत्व वाली एलडीएफ की सरकार है और पिनाराई विजयन मुख्यमंत्री हैं। पिछले चुनाव में एलडीएफ को 91 और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को 47 सीटें मिली थीं। यहां बहुमत के लिए 71 सीटें चाहिए।

यहां कांग्रेस के लिए साख की लड़ाई है। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद है ऐसे में केरल में चुनाव जीतना कांग्रेस के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती भी है। हालांकि तमाम ओपिनियन पोल एलडीएस की सरकार की ओर इशारा कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो यह पहली बार होगा जब केरल में हर 5 साल में सरकार बदलने वाला रिकॉर्ड टूटेगा।

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