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बुलेटप्रूफ वाहन

तैयारी : अब पठानकोट जैसे एयरबेसों पर आतंकी हमलों को नाकाम करेगा बुलेटप्रूफ वाहन

by Sneha Shukla

एजेंसी, नई दिल्ली।

द्वारा प्रकाशित: जीत कुमार
Updated Wed, 14 Apr 2021 03:46 AM IST

ख़बर सुनकर

पठानकोट जैसे देश के सभी हवाई सैन्य ठिकानों पर आतंकी हमलों को नाकाम करने के लिए भारतीय वायुसेना ने कमर कस ली है। वायुसेना ने अपने हवाई ठिकानों पर ऐसी विशेष वाहन को सेवा में लगाया है, जो गोलीबारी और ग्रेनेड चलाने से मुकाबला कर सकेगा।

वायुसेना के अधिकारियों के मुताबिक, हल्के बुलेटप्रूफ वाहनों को सेवा में लगाया गया है और उन्हें हवाई ठिकानों पर तैनात किया जाएगा, ताकि आतंकी हमलों को नेस्तनाबूद करने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सके।

छह टन के इस वाहन को इस तरह से डिजाइन और विकसित किया गया है कि इसका इंजन सामने और बगल की ओर से नजर नहीं आएगा। साथ इस पर आसानी से निशाना भी नहीं लगाया जा सकेगा। इस वाहन को 6 मिमी मोटी बख्तरबंद सुरक्षा और 40 मिमी विंडशील्ड से लैस करके सुरक्षा प्रदान की गई है, जो घातक एक -47 और स्नाइपरों के राइफल से निकली गोलियों को झेल सकता है।

वाहन पूरी तरह बख्तरबंद होगा, जो हथियारों के हमले में कवच का काम करेगा। साथ ही इस पर सवार गिटारधारी आसानी से दुश्मन पर निशाना लगा सकेगा। वाहन की अधिकतम दूरी 100 से 120 किमी प्रति घंटे तक होगी और चपटे टायरों के जरिये तेजी से दौड़ सकेगी।

वाहन पर छहांडो का दस्ता
ऐसे वाहनों पर सुरक्षा के लिए छहांडो का दस्ता या फिर क्विकबिलिटी टीम सवार रहेगी। वहीं, इसके पीछे की ओर कई और लोग आ सकते हैं। गौरतलब है कि दो जनवरी, 2016 को चार आतंकवादियों ने पठानकोट एयर उदय पर रात को हमला कर दिया था। आतंकी मारे गए थे और उनके मिशन को नाकाम कर दिया गया था, लेकिन सुरक्षा बल के सात जवान शहीद हो गए थे। आतंकियों का मकसद बेस पर स्थित लड़ाकू हेलीकॉप्टर और विमानों को नष्ट करना था।

सुरक्षित तरीके से ऑपरेशन स्थल पर पहुंच युवा हो जाएंगे
इस विशेष वाहन को इस्तेमाल किए जाने वाले देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और आंतक से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर में किया जा सकता है। इससे ऑपरेशन मेंंडरो को सुरक्षा मिलेगी और वे दुश्मनों का सामना बिना जोखिम के कर सकते हैं। साथ ही युवा सुरक्षित तरीके से ऑपरेशन स्थल पर पहुंचेंगे।

विस्तार

पठानकोट जैसे देश के सभी हवाई सैन्य ठिकानों पर आतंकी हमलों को नाकाम करने के लिए भारतीय वायुसेना ने कमर कस ली है। वायुसेना ने अपने हवाई ठिकानों पर ऐसी विशेष वाहन को सेवा में लगाया है, जो गोलीबारी और ग्रेनेड चलाने से मुकाबला कर सकेगा।

वायुसेना के अधिकारियों के मुताबिक, हल्के बुलेटप्रूफ वाहनों को सेवा में लगाया गया है और उन्हें हवाई ठिकानों पर तैनात किया जाएगा, ताकि आतंकी हमलों को नेस्तनाबूद करने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सके।

छह टन के इस वाहन को इस तरह से डिजाइन और विकसित किया गया है कि इसका इंजन सामने और बगल की ओर से नजर नहीं आएगा। साथ इस पर आसानी से लक्ष्य भी संभव नहीं लगाया जा सकता है। इस वाहन को 6 मिमी मोटी बख्तरबंद सुरक्षा और 40 मिमी विंडशील्ड से लैस करके सुरक्षा प्रदान की गई है, जो घातक एक -47 और स्नाइपरों के राइफल से निकली गोलियों को झेल सकता है।

वाहन पूरी तरह बख्तरबंद होगा, जो हथियारों के हमले में कवच का काम करेगा। साथ ही इस पर सवार गिटारधारी आसानी से दुश्मन पर निशाना लगा सकेगा। वाहन की अधिकतम दूरी 100 से 120 किमी प्रति घंटे तक होगी और चपटे टायरों के जरिये तेजी से दौड़ सकेगी।

वाहन पर छहांडो का दस्ता

ऐसे वाहनों पर सुरक्षा के लिए छहांडो का दस्ता या फिर क्विकबिलिटी टीम सवार रहेगी। वहीं, इसके पीछे की ओर कई और लोग आ सकते हैं। गौरतलब है कि दो जनवरी, 2016 को चार आतंकवादियों ने पठानकोट एयर उदय पर रात को हमला कर दिया था। आतंकी मारे गए थे और उनके मिशन को नाकाम कर दिया गया था, लेकिन सुरक्षा बल के सात जवान शहीद हो गए थे। आतंकियों का मकसद बेस पर स्थित लड़ाकू हेलीकॉप्टर और विमानों को नष्ट करना था।

सुरक्षित तरीके से ऑपरेशन स्थल पर पहुंच युवा हो जाएंगे

इस विशेष वाहन को इस्तेमाल किए जाने वाले देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और आंतक से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर में किया जा सकता है। इससे ऑपरेशन मेंंडरो को सुरक्षा मिलेगी और वे दुश्मनों का सामना बिना जोखिम के कर सकते हैं। साथ ही युवा सुरक्षित तरीके से ऑपरेशन स्थल पर पहुंचेंगे।

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