Home » दिल्ली में अब LG की सरकार, केंद्र ने जारी किया नए कानून का नोटिफिकेशन, क्या केजरीवाल की बढ़ेगी टेंशन?
DA Image

दिल्ली में अब LG की सरकार, केंद्र ने जारी किया नए कानून का नोटिफिकेशन, क्या केजरीवाल की बढ़ेगी टेंशन?

by Sneha Shukla

केंद्र की मोदी सरकार ने दिल्ली के उपराज्यपाल की ताकत बढ़ा दी है। अब दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा, क्योंकि बगैर आरक्षण के मंजूरी के कार्यकारी कोई कदम नहीं उठाया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) कानून 2021 यानी GNCT अधिनियम को मंजूरी दिए जाने के बाद इसे अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना के मुताबिक, दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) कानून 2021 अप्रैल से प्रभाव में आ गया है।

अधिसूचना में कहा गया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2021, 27 अप्रैल से लागू किया गया है। अब दिल्ली में सरकार का अर्थ उपराज्यपाल है।

इसके अनुसार, दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में सरकार का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल से होगा और शहर की सरकार को किसी भी कार्यकारी कदम से पहले उपराज्यपाल की सलाह लेनी होगी। लोकसभा में इस विधेयक को 22 मार्च और राज्यसभा में 24 मार्च को पारित किया गया था। माना जा रहा है कि इस कानून से केजरीवाल सरकार की टेंशन और बढ़ सकती है, जिसकी ओर इशारा खुद केजरीवाल ने दिया है।

जब इस विधेयक को राज्यसभा में पारित किया गया था, तब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लोकतंत्र के लिए दुखद दिवस करार दिया था। वहीं, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा था कि इस संशोधन का मकसद मूल विधेयक में जो अस्पष्टता उसे दूर करना है, ताकि इसमें विभिन्न अदालतों में कानून को चुनौती नहीं दी जा सके। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के 2018 के एक आदेश का हवाला भी दिया था, जिसमें कहा गया है कि उपराज्यपाल को सभी प्रस्तावों, प्रस्तावों और एजेंडा की जानकारी देनी होगी। यदि उपतंत्रपाल और मंत्रिपरिषद के बीच किसी मामले पर विचारों में भिन्नता है तो उपराज्यपाल उस मामले को राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं। रेड्डी ने कहा था कि इस विधेयक को किसी राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं लाया गया है और यह पूरी तरह से तकनीकी आधार पर लाया गया है।

क्यों पियरी की जरूरत
सूत्रों का कहना है कि साल 2019 की शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्थिति को स्पष्ट करने की जरूरत पड़ी है। इसलिए ये संशोधन दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच शक्तियों और अधिकारों के लिए टकराव को कम करने के लिए किए गए हैं।

जानें क्या होंगे बदलाव
कानून में किए गए संशोधन के अनुसार, अब सरकार को उपराज्यपाल के पास विधाय प्रस्ताव कम से कम 15 दिन पहले और प्रशासनिक प्रस्ताव कम से कम 7 दिन पहले प्रेषित होंगे। दिल्ली के केंद्रशासित प्रदेश होने के कारण उपराज्यपाल को कई शक्तियां मिली हैं। दिल्ली और केंद्र में अलग-अलग सरकार होने के कारण उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों को लेकर तनातनी चलती ही रहती है।

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment