दिल्ली में आक्सीजन की आपूर्ति के आदेश के अनुपालन के मामले में कोताही के कारण दिल्ली हाईकोर्ट की अवमानना नोटिस के खिलाफ केंद्र सरकार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद उसका पालन करना चाहिए।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अधिकारियों को जेल भेज कर, अवमानना का मामला चला कर इसका हल नहीं निकाला जा सकता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन होना चाहिए, दोनों तरफ से सहयोग होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि हमें बताईए कि आपने पिछले तीन दिन में दिल्ली को कितनी ऑक्सीजन आवंटित की है।
ऑक्सीजन की कमी के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि कोविद -19 रोगियों के उपचार के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति के बारे में उसके आदेश का अनुपालन करने में विफल रहने पर उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
सल्लिसीटर जनरल तुषार मेहता यह मामला मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण की शीर्ष वाली पीठ के समक्ष उठाया क्योंकि देश में को विभाजित -19 प्रबंधन पर स्वत:: संज्ञान के बारे में सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ बुधवार को उपलब्ध नहीं थी। प्रधान न्यायाधीश नीत पीठ ने केंद्र की याचिका न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की शीर्ष वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए। तुषार मेहता इस मामले पर बुधवार को ही सुनवाई चाहते थे लेकिन पीठ ने इसे न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की सहूलियत पर छोड़ दिया।
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