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राजधानी में पिछले साल 2 मार्च को पहले मरीज मिलने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब 8 दिन में ही एक लाख लोगों में कोरोना की मौत हुई है। इससे पहले नवंबर में आई तीसरी लहर में 21 दिन में इतने मामले आए थे। तब रोजाना औसतन 6 हजार मरीज मिल रहे थे और अब यह संख्या 8 हजार पहुंच चुकी है। आंकड़ों पर गौर करें तो दिल्ली में 8 अप्रैल को कुलीनों की संख्या 6,98,005 थी, जो अब बढ़कर 8,03,623 हो गई है। लिहाजा, 8 दिन में ही 1 लाख 5 हजार लोग खुश हो चुके हैं।
लगातार वृद्धि होने के संक्रमण के मामलों के साथ स्वस्थ होने वाले रोगियों की संख्या भी लगातार घट रही है। 8 दिन में सिर्फ 67 हजार लोग ही स्वस्थ हुए हैं। इससे कोरोना से रिकवरी दर भी घटकर 90 फीसद हो गई है।
एम्स के डॉ विक्रम का कहना है कि दिल्ली में जिस गति से अस्थिरता बढ़ रही है, यह आबादी के हिसाब से देश में सबसे ज्यादा है। कह सकते हैं कि इस समय राजधानी देश में कोरोना सबसे ज्यादा प्रभावित है। जरूरी है कि सरकार की ओर से और अधिक सख्त कदम उठाए जाएं। रात्रि कर्फ्यू और सप्ताहांत कर्फ्यू के अलावा और भी कठिन कदम उठाने की जरूरत है।
रोगी के संपर्क में आने वाला हर पांचवां व्यक्ति रोगी
चेतों की पहचान के लिए व्यापक स्तर पर कांटेक्ट ट्रेसिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसमें संदिग्ध के संपर्क में आने वाले 20 से 30 लोगों की पहचान कर उनकी जांच की जा रही है। ये हर पांचवीं व्यक्ति पॉजिटिव मिल रहा है। राजधानी में कोरोना से संक्रमण दर इस समय 20 प्रति से ऊपर पहुंच गया है। यानी, 100 लोगों की जांच में से 20 व्यक्ति संभावित मिल रहे हैं। इस बार जो जांच चल रही है। इसमें उन लोगों के भी टेस्ट किए जा रहे हैं, जो टाइपों के संपर्क में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि कांटेक्ट ट्रेसिंग अभियान में चेतन के संपर्क में कम से कम 20 से 30 लोगों की जांच की जा रही है। ये 5 लोग मिल रहे हैं। इससे पता चलता है कि यह वायरस काफी तेजी से फैल रहा है।
8 दिन में ऐसे बदले हालात
स्वस्थ स्वस्थ मृत्यु
08 अप्रैल 7437 3687 24
09 8521 5032 39
10 7897 5716 39
११ १० 11४ ५१५ 48 ४15
12 11491 7665 72
13 13468 7972 81
14 17282 9952 104
15 16699 13014 112
16 19486 12648 141
नोट: आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक हैं।
कुल मामला: 1 लाख 4 हजार
स्वस्थ हुए: 68 हजार
मृत्यु: 660
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