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राजधानी दिल्ली में चल रही कोरोना की चौथी लहर के बीच बेकाबू होते संक्रमण ने कोहराम मचा रखा है। बुधवार को एक दिन में पहली बार इस साल के सबसे अधिक 5500 से अधिक नए रोगी मिलने और 20 मरीजों की मौत ने स्थिति को और गंभीर कर दिया। दिल्ली में अब मरीजों का कुल आंकड़ा 6.90 लाख के पार पहुंच गया है। इसके साथ ही अब पॉजिट और रेट भी 6 फीसदी से अधिक हो गया है। मंगलवार को 5100 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटे में जहां कोरोना के 5506 नए मरीज मिले हैं, वहीं 20 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों का कुल आंकड़ा 11,133 हो गया है। आज 3363 मरीज पूरी तरह से ठीक होकर कोरोना मुक्त हो गए, जबकि मंगलवार को यह संख्या 2340 थी। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि दिल्ली में अब तक टाइपों की कुल संख्या 6,90,568 हो गई है और 10,048 मरीज होम आइसोस्कोपी में हैं।
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अब में कोरोनाइरस संक्रमण के सक्रिय मामले भी 19,455 हो गए हैं। वहीं, अब तक कुल 6,59,980 मरीज इस महामारी को मात देकर कोरोना मुक्त हो चुके हैं। इसके साथ ही अब तक मरने वालों की संख्या 11,133 हो गई है।
दिल्ली में 5506 नई रिपोर्ट #COVID-19 मामलों, पिछले 24 घंटों में 3363 वसूली और 20 मौतें।
कुल मामले 6,90,568
कुल वसूली 6,59,980
मृत्यु टोल 11,133सक्रिय मामले 19,455 pic.twitter.com/SD17HdqulZ
– एएनआई (@ANI) 7 अप्रैल, 2021
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, आज दिल्ली में कुल 90,201 टेस्ट किए गए हैं। इनमें से 52,477 आरएमपीआर / सीबीएनएएटी / ट्रूनैट टेस्ट और 37,724 रैपिड एंटीजन टेस्ट किए गए। दिल्ली में अब तक कुल 15,165,413 परिवर्तन हुए हैं और प्रति 10 लाख लोगों पर 7,98,179 टेस्ट किए गए हैं। इसके साथ ही अब दिल्ली में आज 417 नए वर्गीकरण जोन बनाए जाने के बाद इनकी संख्या भी 3708 पर पहुंच गई है, जबकि मंगलवार को इनकी संख्या 3291 थी।
सोमवार को 3548, रविवार को 4033, शनिवार को 3567 और शुक्रवार को 3594 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई थी।
कोविद -19 स्थिति पर सरकार की पैनी नजर
राजधानी में कोविद -19 के मामले तेजी से बढ़ने के बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ‘आप’ सरकार महामारी की स्थिति को लेकर सतर्कता है और स्थिति नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। पिछले कुछ दिनों में विभिन्न अस्पतालों में लगभग 2,000 बेड को बढ़ाया गया है और अगले कुछ दिनों में 2000-2500 और बेड की व्यवस्था की जाएगी।
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कार में अकेले ड्राइविंग करते हुए भी अक्सर पहनना जरूरी है: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि को विभाजित -19 महामारी के दौरान मुंह को ढकना ‘सुरक्षा कवच’ की तरह है और निजी वाहन में ड्राइविंग करते हुए अकेले होने के बावजूद संकाय पहनना अनिवार्य है, क्योंकि कोविड -19 के संदर्भ में वाहन का स्थान है। ।
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने निजी वाहन में अकेले ड्राइविंग करते हुए संकाय नहीं पहनने पर संयोजन काटने के दिल्ली सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से भी इनकार करते हुए कहा कि अगर किसी वाहन में केवल एक व्यक्ति बैठा है तो उसे भी कोई बहुत बड़ा स्थान माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि कई संभावनाएं हैं जिसमें कार में अकेले बैठे व्यक्ति का संपर्क बाहरी दुनिया से हो सकता है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि व्यक्ति कार में अकेले जा रहा है, महज इसलिए कार सार्वजनिक स्थान नहीं होगी।
जस्टिस सिंह ने अपने फैसले में कहा कि इसलिए यदि कोई वाहन में केवल एक व्यक्ति है तो भी वह सार्वजनिक स्थल होगा और इसलिए समारोह पहनना अनिवार्य है। इसलिए किसी वाहन में एक व्यक्ति हो या कई लोग बैठे हों, उसमें को विभाजित -19 महामारी के संदर्भ में संकाय या फेस कवर पहनना अनिवार्य है। याचिकाकर्ता-वकीलों ने दलील दी थी कि केवल सार्वजनिक स्थानों पर पहने जाने की योग्यता और निजी वाहनों को सार्वजनिक स्थल नहीं कहा जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थान की व्याख्या को विभाजित -19 महामारी के संदर्भ में होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कोविड -19 महामारी के संदर्भ में संकाय पहनना अनिवार्य है। कोर्ट ने कहा कि स्पष्ट पहनना जरूरी है कि क्या किसी व्यक्ति ने जैक लगवा रखा है या नहीं।
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