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ममता बनर्जी और सुवेंदु अधिकारी

नंदीग्राम सीट: मतगणना में हर पल बदलता रहा ममता-सुवेंदु का भाग्य

by Sneha Shukla

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के परिणाम पर भले ही सभी की नजर थी, लेकिन सबसे ज्यादा निगाहें नंदीग्राम सीट पर लगी थी। कारण था, इस सीट से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी का खुद उतरना और कुछ महीने पहले तक उनके सबसे विश्वस्त सहयोगी रहे सुवेंदु अधिकारी का भाजपा उम्मीदवार की हैसिटी से उन्हें चुनौती देनी थी।

बेहद तल्ख प्रचार अभियान के बाद इस सीट पर हुए चुनाव की मतगणना रविवार को पल-पल रंग बदलती रही। कभी सुव्रदु तो कभी ममता आगे निकलते दिखाई देते रहे।

चार राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों में इस सबसे अधिक हाईप्रोफाइल सीट पर कुल आठ उम्मीदवार मैदान में थे। इन मुख्य मुकाबला ममता अयर सुव्रदु के ही बीच में हो रहा है। कोविड प्रोटोकॉल के बीच हो रही मतगणना के शुरू होते ही सुवेंदु अधिकारी ने पहले तीन चरणों में ममता से संशोधित बनाया, लेकिन चौथे और चौथे राउंड में ममता आगे हो गए।

इसके बाद अगले राउंड में ममता लगभग 3,110 वोट से पिछड़ गई, लेकिन उन्होंने जोरदार वापसी कर ली। इसके बाद राउंड दर राउंड ममता और अधिकारी में कड़ी टक्कर हुई। सबसे दिलचस्प पल 15 वें राउंड में आया, जब ममता ने लगभग 2700 वोट की बढ़त बना ली। लेकिन 16 वें राउंड में सुवेंदु ने महज 6 वोट से आगे बनेकर जोरदार वापसी की।

इसके बाद सुवेंदु ने लगातार बढ़त बनाए रखी और आखिरकार 1736 मतों से ममता बनर्जी को मात दे दी। अधिकारी को 109673 मत मिले, जबकि ममता बनर्जी को 107,937 वोट हासिल हुए।

पिछली बार टीएमसी के टिकट पर जीते अधिकारी थे
वाम दलों की सरकार के दौरान नंदीग्राम और सिंगूर में ही भूमि अधिग्रहण के खिलाफ ममता बनर्जी ने आंदोलन छेड़ा था, जिसकी बदौलत उनकी पार्टी टीएमसी को 2011 में बंगाल की सत्ता हासिल हुई थी।

इसी आंदोलन के प्रभाव के कारण नंदीग्राम सीट पिछले दो चुनावों में टीएमसी के ही पास रही थी। नंदीग्राम और सिंगुर के आंदोलनों में ममता का कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने वाले सुवेंदु अधिकारी की यहां जबरदस्त पकड़ मानी जाती है।

सुवेंदु ने 2016 में भी टीएमसी के टिकट पर इस सीट से जीत हासिल की थी। तब उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के अब्दुल कबीर शेख को 81,230 वोटों से पराजित किया था। 2016 के चुनाव में भाजपा यहां तीसरे नंबर पर थी। लेकिन इस बार अधिकारी परिवार के भाजपा के साथ आने का नतीजा यह रहा कि टीएमसी की पश्चिम बंगाल में प्रचंड जीत के बावजूद यहां सेबे की मुख्यमंत्री को हार का मुंह देखना पड़ा।

पार्टी की जीत को मानवता को बचाने वाला बताया
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के जीत की हैट्रिक लगाने के बाद कहा कि इसने मानवता को बचाने लिया है। कोविद -19 के खिलाफ तत्काल लड़ाई शुरू करने की घोषणा करते हुए ममता ने केंद्र सरकार से हर भारतीय को मुफ्त वैक्सीन देने की अपील की।

साथ ही चेतावनी दी कि केंद्र सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो वे इसके खिलाफ महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे धरने पर बैठेंगे।

नंदीग्राम सीट पर अपनी हार के बावजूद पार्टी की जबरदस्त जीत से प्रफुल्लित ममता ने कहा, मैं नंदीग्राम से लड़ रही थी, क्योंकि मैंने यहां आंदोलन किया था। मुझे यह निर्णय मंजूर है। हम इस जबरदस्त जीत के लिए जनता के अहसानंद हैं। यह बंगाल के लोगों की जीत है। हम 221 सीटों पर जीते हैं और भाजपा चुनाव हारी है।

ममता ने भाजपा पर गंदी राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा, यह जबरदस्त जीत बहुत सारे अवरोधों, केंद्र सरकार, उसकी मशीनरी, उसकी एजेंसियों, से लड़ाई के बाद आई है।

कोरोना महामारी के हालात देखते हुए शपथ ग्रहण समारोह बिना धूमधाम के आयोजित किया जाएगा। लेकिन जब महामारी खत्म हो जाएगी तो कोलकाता में ब्रिगेड परेड मैदान पर एक भव्य रैली आयोजित की जाएगी।

अपने चुनेवी वादे को दोहराते हुए ममता ने कहा, मैं तत्काल कोविड -19 को लेकर काम शुरू कराऊंगी। मेरी सरकार राज्य की जनता को मुफ्त कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा, मैं केंद्र से अपील करता हूं कि हर भारतीय को मुफ्त वैक्सीन दे। 140 करोड़ भारतीयों के टीकाकरण के लिए 30 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की जरूरत है। यदि केंद्र मेरी मांग स्वीकार नहीं करता तो मैं महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे पहुँचने पर बैठूंगी।

भाजपा पर हमला बोलने वाले बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह एक डबल इंजन सरकार के बारे में बोलते रहे, लेकिन हमारी पार्टी ने चुनाव में दोहरा शतक लगा दिया। उन्होंने कहा, मैंने 221 सीट का लक्ष्य तय किया था, क्योंकि यह 2021 है। हम इस आंकड़े के करीब पहुंचे हैं और मैं बंगाल के लोगों को इसके लिए धन्यवाद देता हूं।

दो महीने में पहली बार खड़ी दिखी ममता
मीडिया से बातचीत के दौरान ममता बनर्जी दो महीने में पहली बार अपने पैरों पर खड़ी दिखाई दीं। बता दें कि 10 मार्च को नंदीग्राम में प्रचार के दौरान उन्हें चोट लग गई थी, जिसके चलते पैर पर बास्केटबॉल चढ़ने से उन्होंने पूरा प्रचार अभियान व्हील चेयर पर बैठकर ही संचालित किया था। ममता ने कहा, मैं अब ठीक हूं। मैंने कुछ दिन पहले कहा था कि मैं ठीक हो गया हूं और शिल्प हटवा दूंगी।

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