महाराष्ट्र के नागपुर में ऑक्सीजन बेड और रेमडेसिवर इंजेक्शन की कमी को लेकर जिला मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के स्थानीय डॉक्टरों ने जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों में से एक ने कहा कि जिला प्रशासन को मौजूदा स्थिति को नेशनल इमरजेंसी के रूप में लेना चाहिए। बता दें कि महाराष्ट्र के जिन जिलों में कोरोनावायरस के मामलें बढ़े हैं उनमें नागपुर भी शामिल है।
महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि के बाद कई राज्यों में रेमडेसिवर की किल्लत की खबर भी आई थी। इसके साथ-साथ इस इंजेक्शन की कालाबजारी भी शुरू हो गई है। रविवार को ही महाराष्ट्र में अलग-अलग अस्पतालों के दो कर्मियों को रेमदेसीविर इंजेक्शन की ओर शीशी 5,000 से 10,000 रुपये की ऊंची कीमत पर अशिवा रूप से बेचने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
नागपुर: जिला मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने जिला प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए ऑक्सीजन बेड की कमी का आरोप लगाया, जिले में COVID मामलों में वृद्धि के रूप में रेमेडिसविर इंजेक्शन
एक डॉक्टर का कहना है कि जिला प्रशासन को इस स्थिति को एक राष्ट्रीय आपातकाल के रूप में मानना चाहिए pic.twitter.com/HV0eH28aU7
– एएनआई (@ANI) 11 अप्रैल, 2021
एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। कोविड -19 के इलाज में इस्तेमाल की वजह से इस इंजेक्शन की अभी काफी मांग है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक ये दोनों जिस अस्पताल में काम कर रहे थे, वहां से उन्हें शीशियां हासिल हुई थी और ये उससे ऊंची कीमत पर अवैध रूप से बेचने की कोशिश कर रहे थे।
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