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नीतीश सरकार का गेस्ट टीचरों को तोहफा, प्रति कक्षा अब मिलेंगे 1500 रुपये, जानें कैबिनेट के अन्य फैसले

by Sneha Shukla

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बिहार के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अतिथि और अंशकालिक शिक्षकों को प्रति कक्षा 1500 रुपये मिलेंगे। एक महीने में अधिकतम 50 हजार तक भुगतान किया जा सकेगा। राज्य भंडारण की बैठक में इनका मानदेय बढ़ाने की स्वीकृति दे दी गई है।

अब तक इन शिक्षकों को प्रति कक्षा एक हजार और महीने में अधिकतम 25 हजार मिलते थे। विश्वविद्यालयों में कुलपति की पढ़ाई में गठित कमेटी 11 महीने के लिए इनका चंय करती है। कार्य संतोषप्रद रहा तो फिर 11 महीने के लिए इनकी सेवा अवधि बढ़ाई जाएगी। एक अन्य निर्णय में निदेशक अभियोजन के पद पर नियुक्ति की पात्रता में संशोधन की स्वीकृति दी गई है।

तकनीकी सेवा आयोग में 29 पद
बिहार तकनीकी सेवा आयोग में एक विधि पदाधिकारी सहित 29 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। साथ ही बिहार सूचना आयोग के अधीन तीन अतिरिक्त वाहन चालक के पद सृजन की भी मंजूरी मिली।

सभी जिलों और केंद्रों में वृद्धजन आश्रय स्थल की व्यवस्था है
राज्य के सभी जिलों और रूंडलों में अपिक्स, बेसहारा और अन्य वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धजन आश्रय स्थल गृह के संचालन की मंजूरी मंगलवार को राज्य क्रेन की बैठक में दी गई। EXP इसके संचालन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिलों और रूंडलों में 6950 आवासन क्षमता के ये गृह चरणबद्ध तरीके से बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बैठक में मंगलवार को हुई राज्य काउंटर की बैठक में कुल आठ प्रस्तावों की स्वीकृति दी गई। मालूम हो कि सात निश्चय भाग -2 में भी यह योजना शामिल है।

बैठक के बाद काउंटर के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि राज्य के सभी शहरों में वृद्धजन आश्रय स्थल गृह के संचालन के लिए ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन आश्रय स्थल योजना’ की स्वीकृति दी गई है। इस गृह के माध्यम से वृद्धजनों को स्वस्थ और गरिमापूर्ण जीवन यापन में सहायता प्रदान की जाएगी। सभी जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिक, चाहें वह निर्धन हों, के विभिन्न स्तरों की सी समस्याओं को समेकित रूप से समाधान करने, उन्हें विभिन्न प्रकार के समयानुकुल आवश्यक सुविधाएं जैसे- स्वास्थ्य, मनोरंजन, योग और अजीविका के लिए क्षमतावर्धन और अन्य क्रियात्मक रूप में उनकी भागीदारी सचित्त की। होगा।

हर जिले में 100 बिस्तर होंगे
जिला मुख्यालय में वृद्धजनों के आश्रय के लिए 100 बिस्तर (50-50 की दो इकाई) और सभी पुंडलों में 50 बिस्तर का हिस्सा किया जाता है। उनके संचालन के लिए सालाना एक करोड़ पांच लाख की स्वीकृति भी दी गई।

एर्केन-उपस्कर की विल निलामी
स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न अस्पतालों और भवनों आदि में अनुपयोगी मशीनें, एर्नेंस, वाहन, उपस्करों आदि की ई निलामी की जाएगी। इसकी निलामी के लिए भारत सरकार के उपक्रम मेटल कवरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से करवाई करेगी। काउंटर ने इसकी भी स्वीकृति दे दी। इनकी निलामी हो जाने से संस्थानों में खाली जगह भी उपलब्ध होगी।



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