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तरनतारन: पंजाब के तरनतारन में पुलिस और निहंगों की झड़प के बाद दो निहंगों की मौत हो गई है। वहीं, दो एसएचओ जख्मी हो गए हैं। तरनतारन के भिखिविंड गांव में पुलिस की टीम हत्या के एक मामले में तफ्तीश करने पहुंची थी। पुलिस के मुताबिक तफ्तीश के दौरान दो निहंगों ने टीम पर हमला कर दिया। बचाव में पुलिस ने गोली चलाई, जिसमें दोनों निहंग मारे गए।
निहंगों पर नांदेड़ में बाबा संतोख सिंह की हत्या का आरोप
दोनों निहंगों पर महाराष्ट्र के नांदेड़ में बाबा संतोख सिंह की हत्या का आरोप था। एसपी जगजीत वालिया ने बताया है कि घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
नांदेड़ साहिब (महाराष्ट्र) पुलिस ने तरनतारन पुलिस को सूचित किया कि दो निहंग सिख एक ‘कारसेवक’ की हत्या करने के बाद नांदेड़ साहिब भाग गए थे। निहंग सिखों ने पुलिस पर हमला किया जबकि बाद में उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की गई, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में उन्हें गोली मार दी जिससे उनकी मौत हो गई: DIG तरनतारन pic.twitter.com/mLBV3QfTpx
– एएनआई (@ANI) 21 मार्च, 2021
बार-बार होने वाली घटनाओं से सुरक्षा वर्दी की सुरक्षा ’पर सवाल उठता है
बता दें कि पिछले साल अप्रैल में भी पुलिस अधिकारी पर निहंग के हमले की तस्वीरें सामने आई थीं। पटियाला में एक निहंग ने गाड़ी रोकने पर थानेदार का तलवार से हाथ काट दिया था। बार-बार ऐसा होता है कि ऐसी घटनाओं ने वर्दी की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जो होते हैं निहंग सिखाते हैं?
निहंगों को उनके आक्रामक व्यक्तित्व के लिए जाना जाता है। पारंपरिक हथियार रखने वाले सिखों को ही निहंग सिखा माना जाता है। कहा जाता है कि इस तरह के पूर्ण रूप से दसम गुरुओं के आदेशों के लिए हर समय तत्पर रहते हैं। दसम गुरुओं के काल में ये सिख गुरु साहिबानों के प्रबल प्रहरी होते थे। इन शिक्षाओं के बारे में ये भी बताया जाता है कि सिख धर्म पर हमला हो जाए तो ये निहंग सिखा उस समय अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना “सिखा” और “गुरु ग्रंथ साहिब” की आखिरी सांस तक रक्षा करते हैं।
अपने धर्म के लिए हर समय समर्पित होते हैं निहंग सिखाते हैं
निहंग सिखा अपने धर्म के लिए हर समय समर्पित होते हैं और आम सिखों को मानवता का विशेष ध्यान रखने की ओर प्रेरित करते रहते हैं।, निहंग सिखों के धर्म चिह्न आम सिखों की अपेक्षा मज़बूत और बड़े होते हैं। जन्म से लेकर जीवन के अंत तक जितने भी जीवन संस्कार होते हैं, धर्म को सिखाने के अनुसार ये उनका प्रेम से निर्वहन करते हैं।
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