Home » परमबीर के लेटर मामले में नया मोड़, उद्धव ठाकरे का दफ्तर बोला- ऑफिशियल आईडी से नहीं आया मेल, साइन भी नहीं
DA Image

परमबीर के लेटर मामले में नया मोड़, उद्धव ठाकरे का दफ्तर बोला- ऑफिशियल आईडी से नहीं आया मेल, साइन भी नहीं

by Sneha Shukla

[ad_1]

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के 100 करोड़ रुपये की वसूली से संबंधित लेटर सामने आने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान जारी किया है। दफ्तर ने कहा है कि आज शाम को मेल आईडी पर परमबीर सिंह का लेटर मिला है। हालाँकि, वह इस्माइल एड्रेस परमबीर सिंह का आधिकारिक पता नहीं है। वहीं, इस पत्र में उनके सिग्नेचर भी नहीं हैं। महाराष्ट्र के शेफ मिनिस्टर ऑफिस ने देर रात कहा, ” आज शाम 4:37 बजे परमबीर सिंह का लेटर मिला। यह लेटर एक अलग इमेल एड्रेस के जरिए भेजा गया था। यह उनका आधिकारिक पता नहीं है और न ही उस पर उनके सिग्नेचर थे। यह नया इमेल एड्रेस को चेक करना होगा। गृह मंत्रालय उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है। ”

‘देशमुख चाहते हैं कि हर महीने 100 करोड़ की हो जाए’
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर ने महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। हाल में पर्यटनई पुलिस के प्रमुख पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने शनिवार को लेटर में दावा किया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख चाहते हैं कि पुलिस अधिकारी हर महीने बार और होटलों से कम से कम 100 करोड़ रुपये की वसूली करें। उन्होंने यह भी कहा कि वाज़े को देशमुख का संरक्षण मिला था। सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर यह दावा किया था।

‘मुझे बलि का बकरा बनाया गया’
परमबीर सिंह ने चिट्ठी में यह भी कहा कि अपने गलत कामों को छुपाने के लिए मुझे बलिदान का बकरा गया है। उद्वव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने कहा, ” आपको बताना चाहता हूं कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाज़े को कई बार अपने आधिकारिक बंगले में बुलाया और उगाही करने का आदेश दिया। उन्होंने यह पैसा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के नाम पर जमा करने के लिए कहा। इस दौरान उनके निजी सेक्रेटरी मिस्टर पलांडे भी वहां मौजूद थे। परमबीर सिंह ने आगे लिखा, ” मैंने इस मामले को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भी बताया था। मेरे साथ जो भी घटित हुआ या गलत हुआ इसकी जानकारी मैंने दिला पवार को भी दी है। ”

” वाज़े से उगाही करने को कहा था ”
परमबीर सिंह ने चिट्ठी में लिखा, गृह मंत्री ने सचिन वाज़े से कहा था कि मुंबई के 1750 बार रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से 2 से ढाई लाख रुपये वसूली करके सौ करोड़ आसानी से हासिल किया जा सकता है। परमबीर ने लिखा, सचिन वाज़े उसी दिन मेरे पास आए और यह चौंकाने वाला खुलासा किया। सिंह ने बताया कि कुछ दिन बाद गृह मंत्री देशमुख ने एसीपी सोशल सर्विस ब्रांच संजय पटेल को भी अपने घर पर बुलाया और हुक्का पार्लर को लेकर बात की। मिस्टर पलांडे जो कि अनिल देशमुख के पर्सनल सेक्रेटरी हैं, उन्होंने संजय पटेल को 40 से 50 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा था। इस बारे में एसीपी पाटिल ने मुझे भी जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि देशमुख द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद वाज़े और पाटिल ने आपस में बातचीत की और मेरे पास इस मामले को लेकर। गृह मंत्री अनिल देशमुख लगातार इस तरह के मामलों में लिपट रहे हैं और उन्होंने कई बार मेरे अधिकारियों को बुलायाकर इस तरह के काम के लिए करवाते हैं। वे मेरी जानकारी के बिना।

परमबीर सिंह झूठे आरोप लगा रहे हैं: अनिल देशमुख
महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों को झूठा करार दिया। देशमुख का कहना है कि परमबीर सिंह कार्रवाई से बचने के लिए झूठा आरोप लगाया जा रहा है। देशमुख ने कहा कि परमबीर सिंह सचिन वाज़े मामले में खुद को कानूनी करवाई से बचाने के लिए झूठा आरोप लगा रहे हैं। मनसुख हिरेन केस में भी सचिन वाज़े की संलिप्पता शोपस्ट हो रही है और जांच की आँच परमबीर सिंह तक भी पहुँच सकती है। इसी डर के कारण वह मुझ पर गलत आरोप लगा रहे हैं।



[ad_2]

Source link

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment