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फरवरी 2021 के दौरान कोर सेक्टर से जुड़े आठ उद्योगों के उत्पादन में 4.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इससे पूरे औद्योगिक उत्पादन के निगेटिव जोन में पहुंचने की आशंका पैदा हो गई है। तेल, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट सहित कोर सेक्टर के सभी क्षेत्रों के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है।
पेट्रोल शोधन और सीमेंट में सबसे ज्यादा गिरावट
फरवरी 2020 में तेल, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट, पर्टिलाइजर, इस्पात और बिजली के उत्पादन में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। अगस्त 2020 में इस सेक्टर ने निगेटिव ग्रोथ दर्ज की थी और यह -6.9 फीसदी तक नीचे गिर गया था। इस साल जनवरी में इसमें केवल 0.9 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई थी। अगर कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक उत्पादन में 4.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। कच्चे तेल के उत्पादन में 3.2, प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 1, रिफाइनरी प्रोडक्ट में 10.9, फर्टिलाइजर में 3.7, स्टील में 1.8, सीमेंट में 5.5, बिजली में 0.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
औद्योगिक उत्पादन में बड़ी गिरावट की आशंका
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में कोर सेक्टर की हिस्सेदारी 40.1 प्रति है। इससे इस महीने आने वाले औद्योगिक उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका पैदा हो गई है। कोर सेक्टर का उत्पादन लॉकडाउन के असर से थोड़ा उबरा था लेकिन पिछले कुछ महीनों के दौरान वह कुछ राज्यों में लॉकडाउन की वजह से फिर लड़खड़ा गया। सबसे ज्यादा 10.9 प्रतिशत की गिरावट रिफाइनरी बाइनरी सेक्टर सेगमेंट आई। फरवरी, 2020 में इसमें 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी लेकिन फरवरी में यह 10.9 प्रतिशत गिर गया। मार्च का कहना है कि बेस इफेक्ट को देखने मार्च, 2021 में कोर सेक्टर में 9 प्रति तक वृद्धि हो सकती है। आने वाले महीनों में इसमें मिलाजुला रुझान दिख सकता है। हालांकि इस महीने वाले औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है।
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