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रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
अपडेटेड टीयू, 30 मार्च 2021 01:08 AM IST
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अधिकारी और उनके पिता शिशिर अधिकारी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि कृषि भूमि अधिग्रहण के खिलाफ ऐतिहासिक आंदोलन के दौरान 14 मार्च 2007 को पिता-पुत्र की जानकारी के बिना पुलिस नंदीग्राम में नहीं आ सकती थी। ममता बनर्जी ने कहा कि पिता-पुत्र की जानकारी के बिना (2007 में) पुलिस नंदीग्राम में नहीं घुस सकती थी। यह मेरी गलती है कि मैंने उन्हें बहुत प्यार दिया।
गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी, उनके पिता शिशिर अधिकारी और उनके एक भाई सौमेंदु ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया है। बनर्जी उन्हें गद्दार बता रही हैं।
ममता बनर्जी ने कहा, मैंने उनके लिए क्या नहीं किया। मैंने उन्हें (शुभेंदु अधूरा को) परिवहन, पर्यावरण, सिंचाई मंत्री बनाया था। मैंने उन्हें हुगली रिवर ब्रिज कमिश्नर का अध्यक्ष बनाया था। मैंने उनके पिता (शिशिर अधिकारी को) को दीघाट विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया। मैंने उनके भाई (सौमेंदु अधिकारी को) हल्दिया विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया। मैंने उनके भाई को कोंटोई नगरपालिका का अध्यक्ष बनाया।
सीएम बनर्जी ने कहा, मैंने एक ही परिवार को कम से कम 10 पद दिए और उन्होंने इस तरह से उसका प्रतिफल दिया। उन्होंने जहरीले गद्दारों की तरह विश्वासघात किया।
ममता के आरोपों पर शिशिर अधिकारी ने कहा कि वह निरर्थक बातें कर रही हैं, क्योंकि वह समझ गए हैं कि वह नंदीग्राम से हार रही हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने शुभेंदु के कारण नंदीग्राम आंदोलन का लाभ उठाया, जिन्होंने माकपा के आतंक के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान जोखिम में डाल दी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए उनका (शुभेंदु) और मेरा इस्तेमाल किया। अब वह हमारे खिलाफ बोल रहा है क्योंकि हमने उनके काम करने के तरीके का विरोध किया। उनका नंदीग्राम और बंगाल के लोगों के सामने पर्दाफाश होगा।
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