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बंगाल में चुनाव के चलते फैला कोरोना? तारीखों का ऐलान होने के बाद 75 गुना बढ़ गया संक्रमण

by Sneha Shukla

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के आयोजन की वजह से इलेक्शन कमिशन और विभिन्न पक्षों के नेता लोगों के निशाने पर हैं। लोगों का दावा है कि राज्य में चुनाव की वजह से कोरोनाइरस और तेजी से फैल रहा है। 26 फरवरी को बंगाल चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद राज्य में रोजाना मामले 75 गुना बढ़ चुके हैं। मंगलवार को बंगाल में 16,403 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 26 फरवरी को यह संख्या महज 216 ही थी। इस दौरान पॉजिटिव रेट में भी भारी उछाल आया है। यह दर एक प्रति से बढ़कर अब 30 प्रति पहुंच गई है।

बंगाल में मंगलवार को नए मामले मिलने के बाद राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या भी बढ़कर एक लाख के पार पहुंच गई है। अभी राज्य में 100615 सक्रिय मामले हैं, जिनका इलाज चल रहा है। 26 फरवरी को यह संख्या केवल 3343 थी। कोलकाता के स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसन के पूर्व प्रमुख प्रतीक कुमार कुंडू ने बताया, ” हमें टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है। ‘ केस काफी तेजी से बढ़े हैं, लेकिन हमने उस गति से बढ़ते हुए नहीं बढ़ाई है। जब मामले घटते चले गए, तब इंफ्रास्ट्रक्चर पर थोड़ा सा ही काम हुआ। ”

कोलकाता में संक्रमण के सबसे अधिक मामले रिपोर्ट किए गए हैं। जबकि उत्तरार्थ 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा में नए मामले के 50 प्रतिशत केस मिले हैं। कोलकाता में मंगलवार को 3708 नए मामले पाए गए हैं। रोजाना तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच में अस्पतालों में बेड्स की संख्या में भी कमी आती रही है। कोलकाता के सरकारी और प्राथमिक अस्पतालों में सोमवार को 1500 से भी कम बेड खाली थे।

यह भी पढ़ें: बंगाल चुनाव के बीच कोलकाता में फूटा कोरोना बम, टेस्टिंग करवा रहा हर दूसरा शख्स निकलना पॉजिटिव

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार, अन्य जिलों के मुकाबले कोलकाता में भीड़ बहुत है। सरकारी अस्पताल में 80 प्रतिशत भरे हुए हैं, जबकि बाकी जगह यह प्रति 55 है। हम सिर्फ सरकारी ही नहीं, बल्कि प्राथमिक अस्पतालों में भी इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ा रहे हैं। ” बेड और ऑक्सीजन की तेजी से खपत के बीच में रेमडेसिवर दवा का भी तेजी से ही इस्तेमाल हो रहा है। पिछले दिनों राज्य सरकार ने इसके लिए गाइडलाइंस भी जारी की थी।

कई स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स कोरोना मामलों में वृद्धि होने के पीछे की वजह चुनाव के दौरान लोगों की भीड़ इकट्ठा होना बता चुके हैं। वहीं, एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स के जनरल सेकरेट्री मानस गुमता ने कहा कि चुनाव आयोग को जल्द ही जल्द चुनाव खत्म करने थे। जितना लंबा चुनाव खींचा गया, उतनी ही मामलों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। ।

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