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रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, बांदा
द्वारा प्रकाशित: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Wed, 07 Apr 2021 04:49 AM IST
पंजाब से बांदा जेल पहुंचे मुख्तार अंसारी …
– फोटो: अमर उजाला
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बताते चले कि पंजाब की रोपड़ जेल बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को खूब रास आई। वह यहाँ पर अपने आप को पूरी तरह से सुरक्षित समझता था। यहां से यूपी नहीं जाना चाहता था। दो साल में आठ बार यूपी पुलिस उसे लेने रोपड़ भी पहुंची लेकिन हर बार सेहत, सुरक्षा और कोरोना का कारण बताकर पंजाब पुलिस ने सौंपने से इनकार कर दिया था।
पंजाब पुलिस हर बार डॉ की सलाह का हवाला देती रही कि अंसारी को डिप्रेशन, शुगर, रीढ़ से संबंधित बीमारियां हैं। ऐसे में उसे कहीं और शिफ्ट करना ठीक नहीं है। जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो पंजाब सरकार ने आरोपी को पंजाब की जेल में रखने के लिए कई तर्क रखे लेकिन वे सब विफल रहे। 21 जनवरी 2019 को मोहाली पुलिस बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को असली कपड़ा व्यवसाय से रंगदारी मांगने के आरोप में यूपी से प्रोडक्शन वर्ंट पर लाई थी।
25 जनवरी 2019 से आरोपी रोपड़ जेल में बंद था। लगभग 26 महीने में यूपी में 54 केसों की ट्रायल हुई लेकिन हर बार ट्रायल टली। वह एक बार भी अदालत में पेश नहीं हुआ था। हालांकि वह इलाज के लिए आता रहता है। अंसारी आखिर तक रोपड़ जेल से जाना नहीं चाहता था। आरोपी पर मुकदमा पेश होने के बाद उसके वकील ने एक याचिका अदालत में दायर की थी।
साथ ही उसकी खराब सेहत का हवाला देते हुए मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग की थी। अंसारी के वकीलों ने अदालत में कहा कि उसे दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है और उसकी सेहत ठीक नहीं है। पिछले साल 29 मार्च को उसकी सेहत खराब होने के बाद से उसके सीने में दर्द है। वकीलों ने अपनी दलील में कहा कि सही स्वास्थ्य सहायता न मिलने पर अंसारी की मौत भी हो सकती है।
अंसारी के वकील ने स्वास्थ्य सहायता के लिए रोपड़ के जेल अधीक्षक से जवाब तलब करने की मांग भी की थी। अंसारी के वकील की दलील सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित बख्शी की अदालत ने आदेश पारित कर वहां कहा था कि कोई ताजा चिकित्सा मुद्दा सामने नहीं आया है, लिहाजा उपचार के लिए अलग से बोर्ड गठित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
परिवार का रसूख बता अफसरों को लेता था रौब में
मोहाली के रियल एस्टेट व्यवसाय से रंगदारी मांगने के आरोप में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को 21 जनवरी 2019 को तेजस्वी संस्करण पर मोहाली लाया गया था। वह चौबीस जनवरी तक मोहाली में रहा था। जबकि 25 जनवरी को उसे रोपड़ जेल पहुंचाया गया था। इस दौरान मोहाली के काबिल अफसरों ने उसे हस्तक्षेप की थी। मुख्तार पंजाब पुलिस के अफसरों को अपने परिवार का रसूख बताकर रौब में लेता था। उसका कहना था कि वह काफी उच्च परिवार से संबंध रखती है। जिस तरह के आरोप उस पर लगाए गए हैं, वह इस तरह के काम नहीं करता है।
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