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ब्याज दर पर घिरी सरकार: सीतारमण बोलीं- गलती से पास हुआ आदेश, राहुल-प्रियंका ने पूछा- ‘लूट या चूक’

ब्याज दर पर घिरी सरकार: सीतारमण बोलीं- गलती से पास हुआ आदेश, राहुल-प्रियंका ने पूछा- ‘लूट या चूक’

by Sneha Shukla

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज अप्रैल-जून तिमाही के लिए छोटी बचत पर ब्याज दर कम करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने ट्वीट कर ये जानकारी दी। हालांकि उनके फैसले को बदलने के बारे में वह विपक्ष के निशाने पर आ गए। सीतारण ने कहा कि ये फैसला गलत से लिया गया था। जिसके बाद आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीतारमण पर निशाना साधा।

सीतारमण ने ट्वीट में क्या लिखा है?

सीतारमण ने ट्वीट करके कहा, ” भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें उन दरों पर बनी रहेंगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में मौजूद थीं। ओवरसाइट की वजह से जारी आदेश वापस ले लिए जाएंगे। ’’ इससे पहले एक फैसले में वित्त मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए लघु बचत दर में 3.5 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी। जनवरी-मार्च के दौरान छोटी बचत दर सालाना 4 प्रतिशत थी।

राहुल गांधी ने जो कहा?

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ” पेट्रोल-डीज़ल पर तो पहले से ही लूट थी, चुनाव ख़त्म होते ही मध्यवर्ग की बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की वसीयत। जुमलों की झूठ की, ये सरकार जनता से लूट की! ”

प्रियंका ने जो कहा?

प्रियंका गांधी ने लिखा, ” सरकार ने आम परिवारों की छोटी बचत वाली स्कीमों की ब्याज दरों में कटौती कर दी थी। आज सुबह जब सरकारी जागी तो उसको पता चला कि अरे ये तो चुनाव का समय है। सुबह उठते ही सारा दोष ओवरसाइट्स मढ़ दिया। ” दरअसल सरकार ने यह आदेश ऐसे समय वापस लिया है। जब पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे दौर की वोटिंग हो रही है।

जो आदेश सरकार ने वापस ले लिए-

आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा था कि 1 वर्ष की समय जमा दरों को 5.5 प्रतिशत से 4.4 प्रतिशत कर दिया गया है और 2-वर्ष, 3-वर्ष, 5-वर्ष की जमा दर में तिमाही आधार पर क्रमशः: 5.0 प्रतिशत, 5.1 प्रतिशत और 5.8 प्रतिशत की कटौती की गई है। 5 साल की आवर्ड जमा को पिछले 5.8 प्रतिशत से 5.3 प्रतिशत तक आठ दिया गया था।

व्यक्तिगत भविष्य निधि (पीसीबीएफ), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर ब्याज दरों में वार्षिक आधार पर क्रमशः: 6.4 प्रतिशत, 6.9 प्रतिशत और 5.9 प्रतिशत की कटौती की गई थी। किसान विकास पत्र पर ब्याज दर को भाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया गया था।

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