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भारत में स्पूतनिक-V का लगा पहला टीका, जानें किसने ली सबसे पहले यह वैक्सीन

by Sneha Shukla

कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में अब तीसरा हथियार भी उतर चुका है। भारत के टीकाकरण अभियान को अब और गति मिलने वाली है, क्योंकि भारत में रूस से आई स्पूतनिक- V का पहला टीका लग गया है। ” भारत में सबसे पहले डॉ। व्हाइट लोबोरेट्स के फार्मा सर्विस के ग्लोबल हेडलाइंस दीप सप्रा ने सपूतनिक-वी की खुराक ली है। कंपनी के दीप्ति सप्र को सी.एस.बी.एस. बता दें कि स्पूतनिक-वी से पहले भारत के पास कोविशील्ड और कोविक्सीन हैं।

एयर के साथ भारत में स्पूतनिक-वी का फायर एयर है। कंपनी ने भी किया है। भारतीय विमानों में रूस से आई वैक्सीन स्पूतनिक- V की कीमत लगभग 955 रुपए होगी। हालांकि, कंपनी का कहना है कि जब भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन शुरू होगा तो इसकी कीमतों में कमी हो सकती है। यह वैक्सीन अगले सप्ताह से बाजार में उपलब्ध होगा।

इधर, भारत के टीकाकरण अभियान में इसे जल्द ही शामिल किया जाएगा, क्योंकि सरकार का कहना है कि इस महीने के अंत तक 30 लाख और स्पूतनिक टीके की खुराक भारत पहुंचेंगी। वर्तमान में, देश में 1.5 लाख रूसी वैक्सीन ही उपलब्ध है। सरकार की देश में इस टीके का उत्पादन शुरू करने के लिए रेड्डी लेबोरेटरी के अलावा पांच अन्य कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। हेटेरो बॉम्यो बॉयो बॉम्‍यू बॉम्‍यू बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स में बॉम्‍स बॉम्‍स बॉम्‍स में शामिल है। सरकार की स्थिति में विभाग की बैठक शुरू हो रही है।

ट्रायल में प्रभावी रहा
इस 1 1 तीव्र गति-19 के वायरस टीके ‘स्पूतनिक-वी के तेजे के परीक्षण में यह 91.6 प्रतिशत प्रभाव आंख में भी नहीं है। ‘दंसेट’ ने जांच की। अध्ययन के ये नतीजे लगभग 20,000 प्रतिभागियों से एकत्र किए गए आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित हैं।

भारत ने दी है इस्तेमाल के लिए मंजूरी
परमाणु विस्फोट के बाद परमाणु किट में ‘स्पूतनिक -व’ के परमाणु विस्फोट में शामिल हों। भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने देश में कुछ शर्तों के साथ रूसी कोरोना टीके ‘स्पूतनिक वी’ के उपयोग में मंजूरी देने की सिफारिश की थी, जिस पर भारत के औषधि महानियंत्रक (एसएमजीआई) ने अपनी मुहर लगाई है। गल्लाया ने दावा किया कि स्पुतनिक-वी कोरोना के विपरीत अब तक विकसित हो रहा है।

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