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भूकंप : लेह में हिली धरती, रिक्टर स्केल पर 3.1 रही तीव्रता

by Sneha Shukla

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रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, लेह

द्वारा प्रकाशित: विकास कुमार
अपडेटेड ट्यू, 30 मार्च 2021 01:42 AM IST

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लद्दाख के लेह में मंगलवार देर रात लगभग 1.06 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई है। वर्तमान में किसी प्रकार के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

इससे पहले लद्दाख में बीते गुरुवार को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.5 मापी गई थी।

अब कम तीव्रता वाले भूकंपों का लगना संभव है
देश में भूंकप की सटीक निगरानी के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी को बढ़ाने का फैसला किया है। इसके तहत देश भर में 35 और निगरानी केंद्र खोले जाएंगे। दस महीने के भीतर यह केंद्र पूरी क्षमता से काम करने लग जाएगा।

ये केंद्रों के खुल जाने से राष्ट्रीय भूंकप निगरानी केंद्र (नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी) रियल टाइम डेटा एकत्र कर लेंगे। अभी तक राष्ट्रीय भूकंप निगरानी केंद्र देश में भर में रिक्टर स्केल पर 3.5 परिमाण के संकट और दिल्ली और आसपास के लिए 2.5 परिमाण के संकट दर्ज है।

नए निगरानी केंद्रों के आने से और सूक्ष्मता से पृथ्वी के पेट की हलचल का अध्ययन हो सकेगा। नई निगरानी प्रणाली की मदद से कम तीव्रता वाले गड्ढे भी मापे जा सकते हैं। इतना ही नहीं देश भर के क्षेत्रों का भूकंप आने की संवेदनशीलता के अनुसार उसकी भूगर्भीय स्थितियों का आकलन किया जा सकेगा। नए खुलने वाले केंद्रों में सबसे अधिक जोर समुद्र के तटीय क्षेत्रों के साथ पिछले दशक में भूकंप की मार झेलने वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है।

इसलिए नए खुलने वाले केंद्रों में सबसे अधिक पांच केंद्र कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और मध्य सरीके राज्यों में चार-चार स्टेशन, उत्तराखंड में तीन, गुजरात और केरल में दो-दो, अरुणाचल, छत्तीसगढ़, हरियाणा, मिजोरम, उड़ीसा, पंजाब में एक-एक निगरानी केंद्र खोला जाएगा।

विस्तार

लद्दाख के लेह में मंगलवार देर रात लगभग 1.06 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई है। वर्तमान में किसी प्रकार के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

इससे पहले लद्दाख में बीते गुरुवार को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.5 मापी गई थी।

अब कम तीव्रता वाले भूकंपों का लगना संभव है

देश में भूंकप की सटीक निगरानी के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी को बढ़ाने का फैसला किया है। इसके तहत देश भर में 35 और निगरानी केंद्र खोले जाएंगे। दस महीने के भीतर यह केंद्र पूरी क्षमता से काम करने लग जाएगा।

ये केंद्रों के खुल जाने से राष्ट्रीय भूंकप निगरानी केंद्र (नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी) रियल टाइम डेटा एकत्र कर लेंगे। अभी तक राष्ट्रीय भूकंप निगरानी केंद्र देश में भर में रिक्टर स्केल पर 3.5 परिमाण के संकट और दिल्ली और आसपास के लिए 2.5 परिमाण के संकट दर्ज है।

नए निगरानी केंद्रों के आने से और सूक्ष्मता से पृथ्वी के पेट की हलचल का अध्ययन हो सकेगा। नई निगरानी प्रणाली की मदद से कम तीव्रता वाले गड्ढे भी मापे जा सकते हैं। इतना ही नहीं देश भर के क्षेत्रों का भूकंप आने की संवेदनशीलता के अनुसार उसकी भूगर्भीय स्थितियों का आकलन किया जा सकेगा। नए खुलने वाले केंद्रों में सबसे अधिक जोर समुद्र के तटीय क्षेत्रों के साथ पिछले दशक में भूकंप की मार झेलने वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है।

इसलिए नए खुलने वाले केंद्रों में सबसे अधिक पांच केंद्र कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और मध्य सरीके राज्यों में चार-चार स्टेशन, उत्तराखंड में तीन, गुजरात और केरल में दो-दो, अरुणाचल, छत्तीसगढ़, हरियाणा, मिजोरम, उड़ीसा, पंजाब में एक-एक निगरानी केंद्र खोला जाएगा।



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