बंगाल के चुनावी रण में भले ही टीएमसी ने जीत हासिल की है, लेकिन खुद सीएम ममता बनर्जी नंदीग्राम के संग्राम में हार गए हैं। नंदीग्राम में वोटों की गिनती शुरू होने के साथ ही ममता कभी आगे निकल रही थीं तो कभी पिछड़ रही थीं। हालांकि अंत में बीजेपी ने अपनी 1,600 वोटों से हार का दावा किया है। यही नहीं खुद ममता बनर्जी ने भी यह कहते हुए एक तरह से हार स्वीकार की है कि किसी एक सीट से कोई फर्क नहीं पड़ता। ममता बनर्जी के अलावा बीजेपी के भी कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है।
राज्यसभा की छुट्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए स्वपनदास गुप्ता पत्रों के डिब्बों में ही पिछड़ गए थे। वह तारकेश्वर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां उनका सामना टीएमसी के रामेंदु सिंहाराय से था। रामेंदु सिंहाराय को यहाँ अभी तक की मतगणना में 46 हजार 580 वोट मिले हैं तो वहीं दासगुप्ता को 39 हजार 967 वोट मिले हैं।
चुंचुरा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार लॉकेट चटर्जी भी टीएमसी के प्रतिद्वंद्वी से पीछे होते दिख रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के असित मजूमदार (तपन) को यहां से अभी तक 55 हजार 40 वोट मिले हैं तो वहीं लॉकेट चटर्जी के हिस्से में 49 हजार 919 वोट मिले हैं।
आसनसोल से बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो को भी विधानसभा चुनाव में टॉलीगंज सीट से टिकट दिया गया था। हालांकि, इस सीट पर बाबुल सुप्रियो कुछ खास करिश्मा नहीं दिखा पाएंगे। यहां टीएमसी के उम्मीदवार अरूप बिसवास के खाते में 65 हजार 638 आ गए हैं तो वहीं बाबुल को महज 31 हजार 886 वोट मिले। यह अंतर इतना बड़ा है कि अब इसे पाट पाना बाबुल सुप्रियो के लिए लगभग असंभव है।
मोयना सीट पर पूर्व क्रिकेटर अशोक डिंडा भी टीएमसी के उम्मीदवार से पीछे चल रहे हैं। टीएमसी की तरफ से संग्राम कुमार डोलाई को अभी तक 50 हजार 411 वोट मिले हैं। वहीं, अशोक डिंडा को अभी तक 43 हजार 321 वोट मिले हैं।
हाबरा सीट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी नेता राहुल सिन्हा को भी टीएमसी की ज्योति प्रिया मलिक से हार मिलने के आसार हैं। यहां मलिक को अभी तक 24 हजार 664 वोट मिल चुके हैं तो वहीं राहुल सिन्हा को सिर्फ 17 हजार 401 वोट मिले हैं।
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