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महामारी के खिलाफ : हरियाणा में पैरामेडिकल स्टाफ का संकट, सेना संभालेगी मोर्चा

by Sneha Shukla

सोमदत्त, चंडीगढ़

द्वारा प्रकाशित: दुष्यंत शर्मा
Updated Mon, 10 मई 2021 04:16 AM IST

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कोरोना महामारी से लड़ने को पंजाब और हरियाणा में स्थापित किए जा रहे नए कोविड अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ की कमी आने लगी है। इस कमी को अब भारतीय सेना पूरा करेगी। सेना अपने ट्रेंड जवानों को को विभाजित पर नियंत्रण के लिए मैदान में उतारेगी। पश्चिमींद ने इसके लिए अपने बैटल फील्ड (युद्ध क्षेत्र) के जवानों को भी को विभाजित से लड़ने के लिए विशेष प्रशिक्षण देनी शुरू किया है। जहां भी इनकी जरूरत होगी, वहां उन्हें भेजा जाएगा।

जनरल आफिसरंडिंग इन शेफ पश्चिमी कमान लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह इस संबंध में पंजाब और हरियाणा के आला अधिकारियों से बैठक कर चुके हैं। आरपी सिंह ने दोनों राज्यों को सशवस्त किया है कि सेना हर प्रकार की मदद करेगी। सेना की ओर से चंडीगढ़, फरीदाबाद और पटियाला में 100-100 बैड के को विभाजित अस्पताल तैयार किए गए हैं। इनमें डाक्टरों सहित, पैरामेडिकल और तकनीकी कर्मचारी पश्चिमी प्रशांत मुहैया कराएगी। सोमवार को ये शुरू कर दिया जाएगा। वहीं, पंजाब के कई जिलों में सेना की ओर से पहले से ही डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भेजे जा चुके हैं।

इसलिए सेना की जरूरत पड़ी
पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ सहित हिमाचल में भी अब कोरोना के कारण हालात बिगड़ने लगे हैं। यहां भी ट्रांस कम कमिंग के लिए लॉकडाउन लगाया गया है। बावजूद इसके केस कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। मरीजों के इलाज और वैक्सीनेशन के कारण स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी होने लगी है, इसी कारण सेना की जरूरत पड़ी है। हरियाणा के गृह मंत्री तो आक्सीजन प्लांटों को सेना के हवाले करने की बात कह चुके हैं।

पंजाब और हरियाणा में पैरामेडिकल स्टाफ सेना मुहैया कराएगी। जैसे-जैसे माँग आगी, जवानों को भेजा जाएगा। वर्तमान में बैटल फिल के जवानों को विभाजित से सामना के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें बैटल फील्ड नर्सिंग एसिस्टेंट (बीएफएन) भी कहा जाता है। ये मरीज को पूरी तरह से ब्रांड्सिल कर सकते हैं।
– कर्नल जसदीप संधू, निदेशक सिविल मिलिट्री सर्विसेज

विस्तार

कोरोना महामारी से लड़ने को पंजाब और हरियाणा में स्थापित किए जा रहे नए कोविड अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ की कमी आने लगी है। इस कमी को अब भारतीय सेना पूरा करेगी। सेना अपने ट्रेंड जवानों को को विभाजित पर नियंत्रण के लिए मैदान में उतारेगी। पश्चिमींद ने इसके लिए अपने बैटल फील्ड (युद्ध क्षेत्र) के जवानों को भी को विभाजित से लड़ने के लिए विशेष प्रशिक्षण देनी शुरू किया है। जहां भी इनकी जरूरत होगी, वहां उन्हें भेजा जाएगा।

जनरल आफिसरंडिंग इन शेफ पश्चिमी कमान लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह इस संबंध में पंजाब और हरियाणा के आला अधिकारियों से बैठक कर चुके हैं। आरपी सिंह ने दोनों राज्यों को सशवस्त किया है कि सेना हर प्रकार की मदद करेगी। सेना की ओर से चंडीगढ़, फरीदाबाद और पटियाला में 100-100 बैड के को विभाजित अस्पताल तैयार किए गए हैं। इनमें डाक्टरों सहित, पैरामेडिकल और तकनीकी कर्मचारी पश्चिमी प्रशांत मुहैया कराएगी। सोमवार को ये शुरू कर दिया जाएगा। वहीं, पंजाब के कई जिलों में सेना की ओर से पहले से ही डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भेजे जा चुके हैं।

इसलिए सेना की जरूरत पड़ी

पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ सहित हिमाचल में भी अब कोरोना के कारण हालात बिगड़ने लगे हैं। यहां भी ट्रांस कम कमिंग के लिए लॉकडाउन लगाया गया है। बावजूद इसके केस कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। मरीजों के इलाज और वैक्सीनेशन के कारण स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी होने लगी है, इसी कारण सेना की जरूरत पड़ी है। हरियाणा के गृह मंत्री तो आक्सीजन प्लांटों को सेना के हवाले करने की बात कह चुके हैं।

पंजाब और हरियाणा में पैरामेडिकल स्टाफ सेना मुहैया कराएगी। जैसे-जैसे माँग आगी, जवानों को भेजा जाएगा। वर्तमान में बैटल फील्ड के जवानों को विभाजित से सामना के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें बैटल फील्ड नर्सिंग एसिस्टेंट (बीएफएन) भी कहा जाता है। ये मरीज को पूरी तरह से ब्रांड्सिल कर सकते हैं।

– कर्नल जसदीप संधू, निदेशक सिविल मिलिट्री सर्विसेज

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