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महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले

महाराष्ट्र कांग्रेस: एंटीलिया मामले के बाद अपने तेवर में आई, सीएम ठाकरे को पार्टी का एजेंडा बताकर बनाया दबाव

by Sneha Shukla

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महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले
– फोटो: एएनआई

ख़बर सुनना

महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी के तीन प्रमुख घटक दलों में से एक कांग्रेस ने भी अपना तेवर दिखाने शुरू कर दिया है। अब तक राज्य सरकार के फैसलों में शिवसेना और एनसीपी की ही तूती बोलती थी। लेकिन एंटीलिया प्रकरण के बाद अब कांग्रेस ने भी अपना व प्रभावशाली प्रदर्शन शुरू किया है। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी एचके पाटिल पहली बार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने पहुंचे और उनके सामने अपना एजेंडा स्पष्ट दिया। इसे ठाकरे सरकार पर कांग्रेस का दबाव लोकतंत्र माना जा रहा है।

एचके पाटिल ने राज्य के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की और न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) के कार्यान्वयन की समीक्षा, निधि वितरण में होने वाले भेदभाव को दूर करने के साथ ही राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में पाटिल ने कहा कि निधि वितरण को लेकर कांग्रेस की कुछ आपत्तियां हैं, जो मुख्यमंत्री के ध्यान में जायेंगे। साथ ही, यह भी मांग की गई कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम के लिए एक समन्वय समिति बने और घटक दल के दो प्रमुखों के साथ बैठकर समीक्षा की जाए।

एचके पाटिल के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, विधानमंडल में कांग्रेस के नेता और राजस्व मंत्री बाला साहेब थोराट, स्थानीय लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण भी मौजूद थे। थोरात ने बताया कि मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वार्षिक बंगले पर एक घंटे की बैठक हुई। हमने मुख्यमंत्री को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिखित पत्र की भी याद दिलाई, जिसमें गरीब आदिवासियों के लिए कल्याण योजना के मद में बजटीय आवंटन का जिक्र किया गया था।

इसी के अंदर, यह भी चर्चा है कि इस बैठक में शिवसेना सांसद संजय राउत के बयानों को लेकर आपत्ति प्रकट की गई। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि संजय राउत जो बयान देते हैं, वह महाविकास आघाड़ी सरकार की सेहत के लिए ठीक नहीं हैं।]राउत ने कहा था कि गें पवार को यूपीए का नेतृत्व करना चाहिए। इस पर राउत और नाना पटोले के बीच जुबानी जंग देखने को मिली थी।

100 करोड़ वसूली का टार्गेट और वाजे की गिरफ्तारी से बैकफुट पर एनसीपी-शिवसेना है
दरअसल, विशाल उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर मिली विस्फोटक कार मामले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के 100 करोड़ की उगाही के टार्गेट के आरोप से शिवसेना-एनसीपी बैकफुट पर है। एमवीए सरकार ने सीबीआई पर तो प्रतिबंध लगा दिया है कि बिना राज्य सरकार की इजाजत के किसी भी मामले में केंद्रीय एजेंसी हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। लेकिन, एन्टीलिया प्रकरण में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एंट्री ने शिवसेना और एनसीपी के प्रमुखों को राहत दी है। इससे कांग्रेस को मुख्यमंत्री ठाकरे पर दबाव बनाने का मौका मिल गया है। यही कारण है कि एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार को यूपीए का चेयरमैन बनाने की शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत के बयान का न केवल पुरजोर विरोध हुआ बल्कि चेतावनी भी दी गई।

महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी के तीन प्रमुख घटक दलों में से एक कांग्रेस ने भी अपना तेवर दिखाने शुरू कर दिया है। अब तक राज्य सरकार के फैसलों में शिवसेना और एनसीपी की ही तूती बोलती थी। लेकिन एंटीलिया प्रकरण के बाद अब कांग्रेस ने भी अपना व प्रभावशाली प्रदर्शन शुरू किया है। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी एचके पाटिल पहली बार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने पहुंचे और उनके सामने अपना एजेंडा स्पष्ट दिया। इसे ठाकरे सरकार पर कांग्रेस का दबाव लोकतंत्र माना जा रहा है।

एचके पाटिल ने राज्य के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की और न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) के कार्यान्वयन की समीक्षा, निधि वितरण में होने वाले भेदभाव को दूर करने के साथ ही राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में पाटिल ने कहा कि निधि वितरण को लेकर कांग्रेस की कुछ आपत्तियां हैं, जो मुख्यमंत्री के ध्यान में जायेंगे। साथ ही, यह भी मांग की गई कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम के लिए एक समन्वय समिति बने और घटक दल के दो प्रमुखों के साथ बैठकर समीक्षा की जाए।

एचके पाटिल के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, विधानमंडल में कांग्रेस के नेता और राजस्व मंत्री बाला साहेब थोराट, स्थानीय लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण भी मौजूद थे। थोरात ने बताया कि मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वार्षिक बंगले पर एक घंटे की बैठक हुई। हमने मुख्यमंत्री को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिखित पत्र की भी याद दिलाई, जिसमें गरीब आदिवासियों के लिए कल्याण योजना के मद में बजटीय आवंटन का जिक्र किया गया था।

इसी के अंदर, यह भी चर्चा है कि इस बैठक में शिवसेना सांसद संजय राउत के बयानों को लेकर आपत्ति प्रकट की गई। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि संजय राउत जो बयान देते हैं, वह महाविकास आघाड़ी सरकार की सेहत के लिए ठीक नहीं हैं।]राउत ने कहा था कि शरद पवार को यूपीए का नेतृत्व करना चाहिए। इस पर राउत और नाना पटोले के बीच जुबानी जंग देखने को मिली थी।

100 करोड़ वसूली का टार्गेट और वाजे की गिरफ्तारी से बैकफुट पर एनसीपी-शिवसेना है

दरअसल, विशाल उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर मिली विस्फोटक कार मामले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के 100 करोड़ की उगाही के टार्गेट के आरोप से शिवसेना-एनसीपी बैकफुट पर है। एमवीए सरकार ने सीबीआई पर तो प्रतिबंध लगा दिया है कि बिना राज्य सरकार की इजाजत के किसी भी मामले में केंद्रीय एजेंसी हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। लेकिन, एन्टीलिया प्रकरण में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एंट्री ने शिवसेना और एनसीपी के प्रमुखों को राहत दी है। इससे कांग्रेस को मुख्यमंत्री ठाकरे पर दबाव बनाने का मौका मिल गया है। यही कारण है कि एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार को यूपीए का चेयरमैन बनाने की शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत के बयान का न केवल पुरजोर विरोध हुआ बल्कि चेतावनी भी दी गई।



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