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महाराष्ट्र कोरोना ने एक बार फिर से अप होल्ड ली है। राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामले रोके नहीं रुक रहे हैं। हर दिन राज्य में कोरोना मामलों को लेकर नए रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। इस बीच राज्य और केंद्र सरकार दोनों की चिताएं काफी बढ़ गई हैं। हालाँकि कोरोना के मामले देश के कई और हिस्सों में भी बढ़े हैं लेकिन महाराष्ट्र में स्थिति बहुत ही चिंताजनक हो गई है।
यही कारण है कि उद्धव सरकार ने राज्य के कई जिलों में तमाम तरह की पाबंदिया लागू की हैं। कहीं नाइट कर्फ्यू, तो कही कोरोना को लेकर एपिसोड पाबंदियां लगाई गई हैं, लेकिन बड़ा सवाल अब भी यही है कि इसके बाद भी कोरोना मामलों में कमी आ गई है? राज्य के नागपुर जिले के आंकड़ों पर नजर डालें तो ऐसा होता है। बीते 24 घंटे में नागपुर में कुल 3,235 नए कोरोना मामले सामने आए हैं, जबकि 1245 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। इसके अलावा 35 लोगों की वायरस से मौत हो गई है। इसके साथ ही जिले में वर्तमान में कुल 25,569 सक्रिय मामले मौजूद हैं।
महाराष्ट्र: नागपुर जिले ने 3235 नई रिपोर्ट की #COVID-19 सिविल सर्जन नागपुर के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 1245 वसूलियां और 35 मौतें हुईं।
कुल मामले: 1,85,787
कुल वसूली: 1,55,655
मृत्यु टोल: 4563सक्रिय मामले: 25,569
– एएनआई (@ANI) 19 मार्च, 2021
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कोटव ठाकरे ने लॉकडाउन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि संक्रमण को नियंत्रण में लाने के लिए लॉकडाउन एक विकल्प है, क्योंकि यहां केसों में चिंताजनक उछाल है। गुरुवार को महाराष्ट्र में 25,833 मिले हैं। महामारी की शुरुआत के बाद से पहली बार 24 घंटे में इतने लोग संवेदनशील हुए हैं।
कोरोना केसों की बेहद तेज रफ्तार पर चिंता जाहिर करते हुए ठाकरे ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य में हालात गंभीर होने के कारण हैं। लॉकडाउन की संभावना को लेकर उन्होंने कहा, ” मैं आगे लॉकडाउन को एक विकल्प के रूप में देखता हूं। लेकिन मैं राज्य के लोगों पर भरोसा करता हूं कि वे सहयोग (को विभाजित -19 नियमों के पालन में) करेंगे, जैसे उन्होंने पहले किया था। ”
इसके अलावा राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार ने शुक्रवार को थिएटर और सभागारों में आने वाले लोगों की संख्या सीमित रखने का आदेश दिया है। सरकार ने इनसे कहा है कि 31 मार्च तक ये 50 प्रति क्षमता के साथ ही संचालन कर सकते हैं। शुक्रवार को सरकार की ओर से इसी तरह की जारी एक अधिसूचना में निजी दफ्तरों में सिर्फ 50 प्रति स्टाफ बुलाने को कहा गया है। हालांकि स्वास्थ्य और आवश्यक सेवा वाले पार्क को इससे बाहर रखा गया है।
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