एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा करने वाले स्वस्थ लोगों के लिए आरटी-पीसीआर जांच कराने की जरूरत पर पूरी तरह रोक लगायी जा सकती है क्योंकि ऐसी जांच प्रयोगशालाओं पर जोर बढ़ रहे हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने देश में महामारी की दूसरी लहर के दौरान को विभाजित -19 की जांच के लिए अपने परामर्श में यह सिफारिश की है।
परामर्श में कहा गया है कि आरएटी या आरटी-पीसीआर जांच में संदिग्ध पाए गए लोगों को फिर से आरटी-पीसीआर जांच नहीं कर रही है और संक्रमण से उबरदार लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दिए जाने के दौरान भी जांच कराने की जरूरत नहीं है।
कोविद -19 से प्रयोगशालाओं के कर्मचारियों के सतर्क होने और मामलों के अत्यधिक बोझ के कारण संभावित जांच के लक्ष्य को पूरा करने में आ रही चुनौतियों के मद्देनजर यह परामर्श जारी किया गया है। परामर्श में कहा गया है कि प्रयोगशालाओं पर अत्यधिक कमी के उद्देश्य से एक राज्य से दूसरे राज्य जाने वाले स्वस्थ लोगों के लिए आरटी-पीसीआर जांच की जरूरत पूरी तरह खत्म होने की जा सकती है।
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– ICMR (@ICMRDELHI) 4 मई, 2021
बता दें कि देश में कोविद -19 के मामले दो करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं और महज 15 दिनों में संक्रमण के 50 लाख से अधिक मामले आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोनावायरस के एक दिन में 3,57,229 नए मामले आने से संक्रमण के मामले 2,02,82,833 पर पहुंच गए जबकि 3,449 और लोगों के जान जाने से मृतकों की संख्या 22,408 हो गई। पर पहुंच गया है।
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