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बिहार विधानसभा में मंगलवार को हुए हमामे को लेकर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। राबड़ी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि विधानसभा में महिला विधायकों का चीरहरण होता रहा है। सरेआम उनकी साड़ी को खोला गया, ब्लाउज़ के अंदर हाथ डालकर खींचा गया, अवर्णीय तरीकेक़े से बदसलूकी की जोड़ा और नंगई की पराकाष्ठा पार कर चुके नीतीश कुमार धृतराष्ट्र कर रहे हैं। सत्ता आनी-होनी है लेकिन इतिहास तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा।
बता दें कि मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी विधानसभा घेराव में लाठीचार्ज व विधानसभा में हुई घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। आरोप लगाया गया कि सरकारी बर्बरता अंग्रेजी शासन की याद दिलाती है। विधानसभा में काले कानून पेश किया गया। विपक्ष इस जनविरोधी कानून का विरोध कर रहा था। आरोप लगाया गया कि विधायकों को पीटा गया और महिला विधाकों को बाल पकड़कर खींचा गया। सरकार विपक्ष और जनता की आवाज़ को दबा देना चाहती है।
विधानसभा में महिला विधायकों का चीरहरण होता रहा.सरेआम उनकी साड़ी को खोला गया, ब्लाउज़ के अंदर हाथ डालकर खींचा गया, अवर्णीय तरीकेक़े से बदसलूकी की गयी और नंगई की पराकाष्ठा पार कर चुके नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन कर देख रही है।
सत्ता आनी-होना है लेकिन इतिहास तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा pic.twitter.com/kbl9L4K5Z6
– राबड़ी देवी (@RabriDeviRJD) 24 मार्च, 2021
लोगों की रक्षा के लिए बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक है: सीएम नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 लोगों और उनकी नीतियों की रक्षा के लिए है। यह लोगों को कष्ट देने के लिए नहीं बना है। इसको लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है। इसका विरोध करने वाले इस विधेयक को गौर से पहले पढ़ लें। बिना पढ़े अफवाह फैलाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि बीएमपी का नाम बदलकर बिहार सशस्त्र पुलिस किया गया है। बिहार मिलिट्री पुलिस, यह नामकरण उपयोगी नहीं है। पुलिस का जो काम है, वही वह करेगी। गलत करने वाले पुलिस को सजा देने का जिक्र भी इस विधेयक में है। अपराध नियंत्रण के लिए यह विधेयक लाया गया है। बोधगया सुरक्षा के लिए भी हमने बीएमपी बहाल किया। कोई सुरक्षा के लिए गया है और वहाँ अगर कोई गोली नहीं चलेगी तो पुलिस कोर्ट की अनुमति का इंतजार करेगी या अपराधी को गिरफ्तार कर थाना के लिए करेगी। किसी को काम सौंपेंगे तो अधिकार तो होगा ही। आश्चर्य है कि इसके बारे में गलतफहमी पैदा की गई है। आखिर किसकी सीमा। बोधगया में महोबोधी मंदिर के पास कैसे घटना 2013 में घटी थी। किस तरह से वह रहता था। हमलोग तुरंत सुबह में जाकर एक-एक चीज को देखते हैं। उसके बाद वहां की सुरक्षा के लिए बीएमपी को लगाया गया था। दरभंगा टर्मिनल पर ये कार्य सौंपा गया है।
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