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गिरफ्त में आरोपी...

लखनऊ : रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी में दो डॉक्टरों समेत चार गिरफ्तार

by Sneha Shukla

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ

द्वारा प्रकाशित: दुष्यंत शर्मा
अपडेटेड शुक्र, 23 अप्रैल 2021 01:26 AM IST

ख़बर सुनकर

रेमडेसिव इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले 4 लोगों को ठाकुरगंज पुलिस ने दबोच लिया है। पकड़े गए आरोपियों में दो डॉक्टर और दो एजेंट हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से 34 इंजेक्शन और 4, 69000 की खुराक बरामद की है। समर्थकों के सदस्यों के बारे में जानकारी के लिए पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

बीएसपी देवेश पांडे के मुताबिक ठाकुरगंज इलाके में कोरोनाटे मरीजों को लगाए जाने वाले रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी की सूचना मिली थी। पुलिस टीम ने लगातार इस पर निगरानी रखी और बृहस्पतिवार शाम को इस मामले में पुलिस को सफलता मिली।

एरा मेडिकल कॉलेज के पास से चार लोगों को इंजेक्शन के अवैध खेप के साथ दबोच लिया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से 34 इंजेक्शन बरामद किए साथी उनके पास से 469000 की वसूली बरामद की। एडीसीपी पश्चिम राजेश श्रीवास्तव के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों में 2 डॉ शामिल हैं।

गोंडा के दुर्जनपुर का रहने वाला डॉ सम्राट पांडेय और सरफराजगंज ठाकुरगंज का डॉ। अथर्व शामिल हैं। पुलिस के हाथ उनके दो एजेंट भी लगे हुए हैं। एक उन्नाव के बिजरामऊ का रहने वाला विपिन कुमार दूसरा सरफराजगंज का तहजीब उल हसन है। पुलिस के मुताबिक राजधानी में इंजेक्शन की कालाबाजारी करने का साझेदार सक्रिय हैं। पुलिस ने इस घटनाक्रम के पर्दाफाश के लिए शुरू कर दिया है।

19000 से 30000 तक इंजेक्शन थे
प्रभारी निरीक्षक ठाकुरगंज सुनील दुबे के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की गई तो सामने आया अट्ठारह सौ रुपये का इंजेक्शन 19000 से 30000 रुपये तक के मूल्य पर खरीद थे इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले समूह का मूल्य भी रामदेव की जेब और उसकी जरूरत पर तय होता है। था।

उधर नाका पुलिस ने भी कालाबाजारी से संबंधित आधा दर्जन व्यापारियों को हिरासत में लिया है। उनसे हस्तक्षेप की जा रही है। पुलिस व्यापारियों के बताए कुछ ठिकानों पर छापेमारी भी की है।

कानपुर का एक दलाल करता था ताली
इंस्पेक्टर ठाकुरगंज सुनील कुमार दुबे ने बताया कि यह खाई कानपुर के एक दलाल के संपर्क में थी। वह उन्हें इंजेक्शन मुहैया करा सकता था। पकड़े गए आरोपितों से दलाल के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। बढ़ते कोटि संक्रमण में रोगियों के लिए इस इंजेक्शन की काफी जरूरत है। यह लोग इंजेक्शन की कालाबाजारी बीते कई महीनों से कर रहे थे। समूह के अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है।

विस्तार

रेमडेसिव इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले 4 लोगों को ठाकुरगंज पुलिस ने दबोच लिया है। पकड़े गए आरोपियों में दो डॉक्टर और दो एजेंट हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से 34 इंजेक्शन और 4, 69000 की खुराक बरामद की है। समर्थकों के सदस्यों के बारे में जानकारी के लिए पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

बीएसपी देवेश पांडे के मुताबिक ठाकुरगंज इलाके में कोरोनाटे मरीजों को लगाए जाने वाला रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी की सूचना मिली थी। पुलिस टीम ने लगातार इस पर निगरानी रखी और बृहस्पतिवार शाम को इस मामले में पुलिस को सफलता मिली।

एरा मेडिकल कॉलेज के पास से चार लोगों को इंजेक्शन के अवैध खेप के साथ दबोच लिया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से 34 इंजेक्शन बरामद किए साथी उनके पास से 469000 की वसूली बरामद की। एडीसीपी पश्चिम राजेश श्रीवास्तव के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों में 2 डॉ शामिल हैं।

गोंडा के दुर्जनपुर का रहने वाला डॉ सम्राट पांडेय और सरफराजगंज ठाकुरगंज का डॉ। अतहर शामिल हैं। पुलिस के हाथ उनके दो एजेंट भी लगे हुए हैं। एक उन्नाव के बिजरामऊ का रहने वाला विपिन कुमार दूसरा सरफराजगंज का तहजीब उल हसन है। पुलिस के मुताबिक राजधानी में इंजेक्शन की कालाबाजारी करने का साझेदार सक्रिय हैं। पुलिस ने इस घटनाक्रम के पर्दाफाश के लिए शुरू कर दिया है।

19000 से 30000 तक इंजेक्शन थे

प्रभारी निरीक्षक ठाकुरगंज सुनील दुबे के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की गई तो सामने आया अट्ठठ सौ रुपये का इंजेक्शन 19000 से 30000 रुपये तक के दाम पर स्कैन कर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले समूह का दाम भी राम की जेब और उसकी जरूरत पर तय होता है। था।

उधर नाका पुलिस ने भी कालाबाजारी से संबंधित आधा दर्जन व्यापारियों को हिरासत में लिया है। उनसे हस्तक्षेप की जा रही है। पुलिस व्यापारियों के बताए कुछ ठिकानों पर छापेमारी भी की है।

कानपुर का एक दलाल करता था ताली

इंस्पेक्टर ठाकुरगंज सुनील कुमार दुबे ने बताया कि यह खाई कानपुर के एक दलाल के संपर्क में थी। वह उन्हें इंजेक्शन मुहैया करा सकता था। पकड़े गए आरोपितों से दलाल के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। बढ़ते कोटि संक्रमण में रोगियों के लिए इस इंजेक्शन की काफी जरूरत है। यह लोग इंजेक्शन की कालाबाजारी बीते कई महीनों से कर रहे थे। समूह के अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है।

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