Home » लॉकडाउन का भय : मजदूरों ने शुरू किया पलायन, राष्ट्रीय राजमार्ग पर लग रही लाइन, अब तक 3000 लौटे
मजदूरों में बस में सवार होने के लिए मची होड़।

लॉकडाउन का भय : मजदूरों ने शुरू किया पलायन, राष्ट्रीय राजमार्ग पर लग रही लाइन, अब तक 3000 लौटे

by Sneha Shukla

जीत चौहान, अमर उजाला, सोनीपत (हरियाणा)

द्वारा प्रकाशित: अजय कुमार
अपडेटेड शुक्र, 09 अप्रैल 2021 12:21 AM IST

मजदूरों में बस में सवार होने के लिए मची होड़।
– फोटो: इंटरव्यू जर्सी एजेंसी

ख़बर सुनना

कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने पर जहां कई जगह रात्रि कर्फ्यू व लॉकडाउन की शुरूआत हो गई है, वहीं इसके डर से मजदूरों ने घर वापसी शुरू कर दी है। पिछले साल लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इन परेशानियों से बचने के लिए प्रवासियों ने पहले ही पलायन शुरू कर दिया है। हरियाणा के सोनीपत में घर वापस जाने वालों की राष्ट्रीय राजमार्ग पर लाइन लगी है। वहाँ बसों से जाने वालों में मारामारी है। मजदूरों का यह पलायन उद्योगों के सामने परेशान कर सकता है।

कोरोना के कारण जब पिछले साल लॉकडाऊन की घोषणा हुई तो यातायात अचानक बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी प्रवासी मजदूरों को झेलनी शेर की थी। मजदूरों के लिए जब खाने की परेशानी हुई तो वह पैदल ही घर को निकल पड़े और सैंकड़ों किमी पैदल चलकर किसी तरह अपने घर पहुंचे थे।जिसके बाद फैक्टरी शुरू हुई तो मजदूर काफी मशक्कत के बाद वापस लौटे थे। लेकिन अब दोबारा से कोरोना के मामले बढ़ने पर सख्ती शुरू हुई तो प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन के डर से पलायन शुरू कर दिया है। यहां कुंडली, राई, नाथूपुर औद्योगिक क्षेत्र से लगभग तीन हजार श्रमिक पलायन कर चुके हैं। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग पर केजीपी-केएमपी दौर चक्कर के पास मजदूरों की लाइन लगी रहती है।

केंद्रीय ट्रेवल्स वाले सुबह व शाम को वहाँ से उत्तर प्रदेश व बिहार के लिए बस भेजते है और उनमें प्रवासी मजदूर अपने घर के लिए रवाना हो जाते है। बिहार के रहने वाले अंकुर, सतनाम, करमसिंह ने बताया कि पिछले साल पूरे परिवार को परेशानी झेलनी पड़ी थी और घर वापस जाने में पैर में छाले तक पड़ गए थे। इसलिए इस बार पहले ही घर जा रहा है और जब लगेगा कि सब ठीक है तो केवल वापस आने पर विचार करेंगे।

मजदूरों के पलायन से संकट और बढ़ गया
प्रवासी मजदूरों के पलायन से मौत की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है। क्योंकि पहले कोरोना के कारण कारखाने बंद हो रहे थे और उसके बाद किसान आंदोलन ने परेशानी बढ़ा दी थी। अब दोबारा से स्थिति सामान्य होने जा रही थी तो अब से मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया है। ऐसे में निरीक्षण के लिए मजदूरों का संकट खड़ा हो सकता है और उससे उद्योग प्रभावित होने का डर सताने लगा है। कुंडली इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान सुभाष गुप्ता कहते हैं कि यह काफी बड़ी समस्या है और वह मजदूरों को समझा जा रहा है कि उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए प्रशासन का सहयोग भी चाहिए।

विस्तार

कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने पर जहां कई जगह रात्रि कर्फ्यू व लॉकडाउन की शुरूआत हो गई है, वहीं इसके डर से मजदूरों ने घर वापसी शुरू कर दी है। पिछले साल लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इन परेशानियों से बचने के लिए प्रवासियों ने पहले ही पलायन शुरू कर दिया है। हरियाणा के सोनीपत में घर वापस जाने वालों की राष्ट्रीय राजमार्ग पर लाइन लगी है। वहीं बसों से जाने वालों में मारामारी है। मजदूरों का यह पलायन उद्योगों के सामने परेशान कर सकता है।

कोरोना के कारण जब पिछले साल लॉकडाऊन की घोषणा हुई तो यातायात अचानक बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी प्रवासी मजदूरों को झेलनी शेर की थी। मजदूरों के लिए जब खाने की परेशानी हुई तो वह पैदल ही घर को निकल पड़े और सैंकड़ों किमी पैदल चलकर किसी तरह अपने घर पहुंचे थे।जिसके बाद फैक्टरी शुरू हुई तो मजदूर काफी मशक्कत के बाद वापस लौटे थे। लेकिन अब दोबारा से कोरोना के मामले बढ़ने पर सख्ती शुरू हुई तो प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन के डर से पलायन शुरू कर दिया है। यहां कुंडली, राई, नाथूपुर औद्योगिक क्षेत्र से लगभग तीन हजार श्रमिक पलायन कर चुके हैं। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग पर केजीपी-केएमपी दौर चक्कर के पास मजदूरों की लाइन लगी रहती है।

केंद्रीय ट्रेवल्स वाले सुबह व शाम को वहाँ से उत्तर प्रदेश व बिहार के लिए बस भेजते है और उनमें प्रवासी मजदूर अपने घर के लिए रवाना हो जाते है। बिहार के रहने वाले अंकुर, सतनाम, करमसिंह ने बताया कि पिछले साल पूरे परिवार को परेशानी झेलनी पड़ी थी और घर वापस जाने में पैर में छाले तक पड़ गए थे। इसलिए इस बार पहले ही घर जा रहा है और जब लगेगा कि सब ठीक है तो केवल वापस आने पर विचार करेंगे।

मजदूरों के पलायन से संकट और बढ़ गया

प्रवासी मजदूरों के पलायन से मौत की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है। क्योंकि पहले कोरोना के कारण कारखाने बंद हो रहे थे और उसके बाद किसान आंदोलन ने परेशानी बढ़ा दी थी। अब दोबारा से स्थिति सामान्य होने जा रही थी तो अब से मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया है। ऐसे में निरीक्षण के लिए मजदूरों का संकट खड़ा हो सकता है और उससे उद्योग प्रभावित होने का डर सताने लगा है। कुंडली इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान सुभाष गुप्ता का कहना है कि यह काफी बड़ी समस्या है और वह मजदूरों को समझा जा रहा है कि उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए प्रशासन का सहयोग भी चाहिए।

सरकार, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास कर रहा है। मजदूरों को डरने की जरूरत नहीं है और अफवाहों से दूर रहना होगा। मजदूर निडर होकर व को विभाजित नियमों का पालन करते हुए काम करते हैं। प्रशासन की ओर से उन्हें हर जरूरी सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। श्यामलाल पूनिया, लि।

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment