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लॉकडाउन का भय...

लॉकडाउन का भय : महाराष्ट्र से ऑटो-टैक्सी से यूपी जाने लगे हैं प्रवासी

by Sneha Shukla

सार

मुंबई के चैम्बर में रहने वाले ऑटो चालक हरिश्चंद यादव, चंद्रप्रकाश यादव, फूलचंद और मूलचंद्र यादव अपने ही ऑटो से सपरिवार प्रतापगढ़ अपने गांव जा रहे हैं।

ख़बर सुनकर

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच लॉकडाउन लगने के डर से अब औक और टैक्सियों का रेला भी उत्तर प्रदेश की ओर वाम होने शुरू हो गया है।

पिछले साल कोरोनाचल में तीन महीने ट्रेन बंद थी, इसलिए लोग अपने औटो- टैक्सी से गांव जाने वाले थे। इस बार ट्रेन में कंफर्म टिकट की मारामारी है। इसके कारण लोग अपने ही काले-पीले वाहन से गांव जाने के लिए विवश हैं। घर वापसी कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार का भरोसा नहीं है। ऐसे में कोई दुश्वारी मोल नहीं लेना चाहती।

मुंबई के सांताक्रुज स्थित शूटबार इलाके से सैकड़ों ऑटो-टैक्सी चालकों ने गांव का रुख किया है। शूटबार में ठहरने वाले ऑटो चालक हरिश्चंद यादव, चंद्रप्रकाश यादव, फूलचंद और मूलचंद्र यादव अपने ही ऑटो से सपरिवार प्रतापगढ़ अपने गांव जा रहे हैं।

वहीं, कांग्रेस नेता अविनाश कांबले बताते हैं कि वरली नाका टैक्सीवालों से लगभग खाली हो चुका है। जो अभी तक नहीं हो सके हैं वे भी गांव जाने की तैयारी में हैं। खार रोड के पास रहने वाले साथ राजेन्द्र तिवारी और दीनानाथ पाठक टूरिस्ट कंपनी में अपनी गाड़ी चलाते थे। लेकिन लॉकडाउन के डर से गांव निकल रहे हैं।

इसी तरह थाने के वागले इस्टेट में गाजीपुर के श्रवण यादव और दंगल यादव भी अपने ऑटो में सवार होकर गांव जा चुके हैं। थाने के अंबिकानगर निवासी विनोद सिंह भी पिछली बार परिवार सहित अपनी औक बारे में जौनपुर रवाना हुए थे।

वर्तमान में, वे लॉकडाउन लगने का इंतजार कर रहे हैं। इधर, लॉकडाउन की घोषणा हुई और उधर उनकी औटो गांव जाने के लिए तैयार हो जाएगी। वह कहते हैं कि राज्य सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। इसलिए सकुशल घर पहुंचना ही बेहतर रहेगा।

मुंबई में चल रही सिर्फ 15 फीसदी टैक्सियां ​​हैं
मुंबई टैक्सीमेंस यूनियन के अध्यक्ष एएल क्वाड्रोस ने बताया कि मुंबई और थाने से 80 प्रतिशत टैक्सीवाले या तो ट्रेन से जा चुके हैं या फिर अपनी ही काली-पीली टैक्सी के साथ परिवार सहित गांव प्रस्थान हो गए हैं। टैक्सीवालों का पलायन बीते कुछ दिनों के भीतर हुआ है। मुंबई में 45 हजार से ज्यादा टैक्सियां ​​चलती हैं। लेकिन मौजूदा समय में मुंबई की सड़कों पर लगभग 15 हजार टैक्सियां ​​ही चल रही हैं।

मुंबई से 230 समर स्पेशल ट्रेनें चलींगी मध्य रेलवे
रेलवे स्टेशनों पर बढ़ी भीड़ के कारण प्रवासियों की संख्या को देखते हुए समर स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई हैं। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि अप्रैल से अब तक 106 समर स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। जबकि जून तक कुल 230 समर स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। ये ट्रेनें लोकमान्य तिलक एक्सप्रेसस से रेसर चलने वाली 24 विशेष ट्रेनों के अतिरिक्त हैं।

विस्तार

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच लॉकडाउन लगने के डर से अब औक और टैक्सियों का रेला भी उत्तर प्रदेश की ओर वाम होने शुरू हो गया है।

पिछले साल कोरोनाचल में तीन महीने ट्रेन बंद थी, इसलिए लोग अपने औटो- टैक्सी से गांव जाने वाले थे। इस बार ट्रेन में कंफर्म टिकट की मारामारी है। इसके कारण लोग अपने ही काले-पीले वाहन से गांव जाने के लिए विवश हैं। घर वापसी कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार का भरोसा नहीं है। ऐसे में कोई दुश्वारी मोल नहीं लेना चाहती।

मुंबई के सांताक्रुज स्थित शूटबार इलाके से सैकड़ों ऑटो-टैक्सी चालकों ने गांव का रुख किया है। शूटबार में ठहरने वाले ऑटो चालक हरिश्चंद यादव, चंद्रप्रकाश यादव, फूलचंद और मूलचंद्र यादव अपने ही ऑटो से सपरिवार प्रतापगढ़ अपने गांव जा रहे हैं।

वहीं, कांग्रेस नेता अविनाश कांबले बताते हैं कि वरली नाका टैक्सीवालों से लगभग खाली हो चुका है। जो अभी तक नहीं हो सके हैं वे भी गांव जाने की तैयारी में हैं। खार रोड के पास रहने वाले साथ राजेन्द्र तिवारी और दीनानाथ पाठक टूरिस्ट कंपनी में अपनी गाड़ी चलाते थे। लेकिन लॉकडाउन के डर से गांव निकल रहे हैं।

इसी तरह थाने के वागले इस्टेट में गाजीपुर के श्रवण यादव और दंगल यादव भी अपने ऑटो में सवार होकर गांव जा चुके हैं। थाने के अंबिकानगर निवासी विनोद सिंह भी पिछली बार परिवार सहित अपनी औक बारे में जौनपुर रवाना हुए थे।

वर्तमान में, वे लॉकडाउन लगने का इंतजार कर रहे हैं। इधर, लॉकडाउन की घोषणा हुई और उधर उनकी औटो गांव जाने के लिए तैयार हो जाएगी। वह कहते हैं कि राज्य सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। इसलिए सकुशल घर पहुंचना ही बेहतर रहेगा।

मुंबई में चल रही सिर्फ 15 फीसदी टैक्सियां ​​हैं

मुंबई टैक्सीमेंस यूनियन के अध्यक्ष ए एल क्वाड्रोस ने बताया कि मुंबई और थाने से 80 प्रतिशत टैक्सीवाले या तो ट्रेन से जा चुके हैं या फिर अपनी ही काली-पीली टैक्सी लेकर परिवार सहित गांव रवाना हो गए हैं। टैक्सीवालों का पलायन बीते कुछ दिनों के भीतर हुआ है। मुंबई में 45 हजार से ज्यादा टैक्सियां ​​चलती हैं। लेकिन मौजूदा समय में मुंबई की सड़कों पर लगभग 15 हजार टैक्सियां ​​ही चल रही हैं।

मुंबई से 230 समर स्पेशल ट्रेनें चलींगी मध्य रेलवे

रेलवे स्टेशनों पर बढ़ी भीड़ के कारण प्रवासियों की संख्या को देखते हुए समर स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई हैं। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि अप्रैल से अब तक 106 समर स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। जबकि जून तक कुल 230 समर स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। ये ट्रेनें लोकमान्य तिलक एक्सप्रेसस से रेसर चलने वाली 24 विशेष ट्रेनों के अतिरिक्त हैं।

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