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बेरोजगारी दर

लॉकडाउन: बेरोजगारी दर चार महीने के शीर्ष पर, 8.67 फीसदी पहुंची

by Sneha Shukla

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
Updated Wed, 12 May 2021 06:23 AM IST

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कोरोना महामारी की दूसरी लहर न सिर्फ हजारों लोगों की जान ले रही है, बल्कि लाखों की जीविका भी छीन रही है। नौकरी गंवाने के साथ देश में बेरोजगारी दर भी तेजी से बढ़ रही है। यह 9 मई को समाप्त हुए अशर में 8.67 प्रतिशत के साथ चार महीने के शीर्ष पर पहुंच गया है।

सेंटर फॉर सपोर्टिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि गांवों के मुकाबले शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। पिछले सप्ताह शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 1.64 प्रतिशत बढ़कर 11.72 प्रतिशत पहुंच गई। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर लगातार नीचे रही। 9 मई को समाप्त सप्ताह में ग्रामीण बेरोजगारी दर 7.29 प्रतिशत थी जो उसके एक सप्ताह पहले 7.35 प्रतिशत और चार अप्रैल को 8.58 प्रतिशत थी।]

सीएमआईई के एमडी महेश व्यास ने बताया कि लॉकडाउन बिल्कुल पर तो बेरोजगारी नहीं बढ़ा रही, लेकिन इससे भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है और रोजगार के मौके घटते जा रहे हैं।

पिछले वर्ष के रिकॉर्ड 27 प्रति बेरोजगारी
लंबे लॉकडाउन की वजह से पिछले साल बेरोजगारी दर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। मई 2020 को बेरोजगारी दर का आंकड़ा 27.11 प्रति पर था जो आर्थिक सुधारों के बाद 17 जनवरी 2021 को घटकर 4.66 प्रतिशत पर आ गया था। 27 दिसंबर को बेरोजगारी दर 9.5 प्रति थी।

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कोरोना महामारी की दूसरी लहर न सिर्फ हजारों लोगों की जान ले रही है, बल्कि लाखों की जीविका भी छीन रही है। नौकरी गंवाने के साथ देश में बेरोजगारी दर भी तेजी से बढ़ रही है। यह 9 मई को समाप्त हुए अशर में 8.67 प्रतिशत के साथ चार महीने के शीर्ष पर पहुंच गया है।

सेंटर फॉर सपोर्टिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि गांवों के मुकाबले शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। पिछले सप्ताह शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 1.64 प्रतिशत बढ़कर 11.72 प्रतिशत पहुंच गई। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर लगातार नीचे रही। 9 मई को समाप्त सप्ताह में ग्रामीण बेरोजगारी दर 7.29 प्रतिशत थी जो उसके एक सप्ताह पहले 7.35 प्रतिशत और चार अप्रैल को 8.58 प्रतिशत थी।]

सीएमआईई के एमडी महेश व्यास ने बताया कि लॉकडाउन बिल्कुल पर तो बेरोजगारी नहीं बढ़ा रही, लेकिन इससे भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है और रोजगार के मौके घटते जा रहे हैं।

पिछले वर्ष के रिकॉर्ड 27 प्रति बेरोजगारी

लंबे लॉकडाउन की वजह से पिछले साल बेरोजगारी दर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। मई 2020 को बेरोजगारी दर का आंकड़ा 27.11 प्रति पर था जो आर्थिक सुधारों के बाद 17 जनवरी 2021 को घटकर 4.66 प्रतिशत पर आ गया था। 27 दिसंबर को बेरोजगारी दर 9.5 प्रति थी।

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