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वाजे मामला: एनआईए को मिले अधिकारियों को दी जा रही मासिक रिश्वत के दस्तावेज

by Sneha Shukla

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उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मेटिव और मार्कर मनसुख हिरेन की हत्या की जांच कर रही एनआईए के हाथ ऐसे दस्तावेज लगे हैं, जिनमें बहुत सारा भुगतान का ब्योरा मासिक ब्योरा लिखा हुआ है।

मुंबई पुलिस ही नहीं नौकरशाही में भी कई को हर महीने हो रहा था भुगतान
एनआईए के अधिकारियों का कहना है कि यह ब्योरा मुंबई पुलिस और नौकरशाही में कुछ अधिकारियों को हर महीने दी जा रही रिश्वत के भुगतान का माना जा रहा है। दस्तावेजों को रोकने के बाद उनकी जांच शुरू कर दी गई है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों के मुताबिक, दक्षिणी मुंबई में गिरगांव स्थित एक क्लब में बृहस्पतिवार को छापे के दौरान कुछ दस्तावेज हाथ लगे थे। यह छापा विस्फोटक और हिरेन की हत्या के मामले में मुंबई पुलिस के निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की भूमिका की जांच के सिलसिले में मारा गया था।

वाजे वर्तमान में 7 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में है। अधिकारियों के अनुसार, एक दस्तावेज में अधिकारियों के नाम, उनके पद और कार्यालय को सूचीबद्ध किया गया था। साथ ही हर अधिकारी के नाम के सामने एक राशि भी दर्ज की गई थी। यह सूची हर महीने के हिसाब से बनाई गई थी।

इससे लग रहा है कि इन अधिकारियों को यह राशि रिश्वत के तौर पर हर महीने दी जा रही थी। हालांकि अधिकारियों ने वर्तमान में इससे अधिक जानकारी देने से इनकार किया और कहा कि इस दस्तावेज के बारे में क्लब मालिक और अन्य से जवाब मांगा गया है।

शिशु या सीबीआई की ली जा सकती है
एनआईए के अधिकारियों ने कहा कि इन दस्तावेजों के बारे में जांच के लिए आवश्यकता पड़ने पर शिशु विभाग या सीबीआई की भी मदद ली जा सकती है, क्योंकि एनआईए की भूमिका केवल आतंकवाद निरोधक मामलों की जांच तक ही सीमित है।

वाजे का क्लब में बेहद प्रभाव था
अधिकारियों के मुताबिक, इस क्लब में वाजे का बेहद प्रभाव था और वह तकरीबन रोजाना ही जाता था। मनसुख की हत्या में वाजे के सहR अभियुक्त बनाए गए नरेश गोर और मुंबई पुलिस के निलंबित सिपाही विनायक शिंदे को उन्होंने अपने प्रभाव से इस क्लब में नौकरी भी दिलाई थी। यह दोनों भी अब NIA की हिरासत में हैं।

छापे में मिले सिम से जुड़े दस्तावेज भी थे
एनआईए ने गुरुवार को छापे के दौरान उन सिम कार्डों की खरीदारी से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए थे, जो नरेश गोर ने अपने निजी उपयोग के लिए खरीदे थे। गोर ने ये सिमकार्ड गुजरात के अहमदाबाद से खरीदे थे और इन्हें शिंदे के जरिए वाजे को सौंप दिया था। इन्हीं में से एक सिमकार्ड से वाजे ने मनसुख हिरेन को कॉल की थी। यह हिरेन की हत्या से पहले उसके मोबाइल पर की गई आखिरी कॉल साबित हुई है।

विस्तार

उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मेटिव और मार्कर मनसुख हिरेन की हत्या की जांच कर रहे एनआईए के हाथ ऐसे दस्तावेज लगे हैं, जिनमें बहुत सारा भुगतान का ब्योरा मासिक ब्योरा लिखा हुआ है।

मुंबई पुलिस ही नहीं नौकरशाही में भी कई को हर महीने हो रहा था भुगतान

एनआईए के अधिकारियों का कहना है कि यह ब्योरा मुंबई पुलिस और नौकरशाही में कुछ अधिकारियों को हर महीने दी जा रही रिश्वत के भुगतान का माना जा रहा है। दस्तावेजों को रोकने के बाद उनकी जांच शुरू कर दी गई है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों के मुताबिक, दक्षिणी मुंबई में गिरगांव स्थित एक क्लब में बृहस्पतिवार को छापे के दौरान कुछ दस्तावेज हाथ लगे थे। यह छापा विस्फोटक और हिरेन की हत्या के मामले में मुंबई पुलिस के निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की भूमिका की जांच के सिलसिले में मारा गया था।

वाजे वर्तमान में 7 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में है। अधिकारियों के अनुसार, एक दस्तावेज में अधिकारियों के नाम, उनके पद और कार्यालय को सूचीबद्ध किया गया था। साथ ही हर अधिकारी के नाम के सामने एक राशि भी दर्ज की गई थी। यह सूची हर महीने के हिसाब से बनाई गई थी।

इससे लग रहा है कि इन अधिकारियों को यह राशि रिश्वत के तौर पर हर महीने दी जा रही थी। हालांकि अधिकारियों ने वर्तमान में इससे अधिक जानकारी देने से इनकार किया और कहा कि इस दस्तावेज के बारे में क्लब मालिक और अन्य से जवाब मांगा गया है।

शिशु या सीबीआई की ली जा सकती है

एनआईए के अधिकारियों ने कहा कि इन दस्तावेजों के बारे में जांच के लिए आवश्यकता पड़ने पर शिशु विभाग या सीबीआई की भी मदद ली जा सकती है, क्योंकि एनआईए की भूमिका केवल आतंकवाद निरोधक मामलों की जांच तक ही सीमित है।

वाजे का क्लब में बेहद प्रभाव था

अधिकारियों के मुताबिक, इस क्लब में वाजे का बेहद प्रभाव था और वह तकरीबन रोजाना ही जाता था। मनसुख की हत्या में वाजे के सहR अभियुक्त बनाए गए नरेश गोर और मुंबई पुलिस के निलंबित सिपाही विनायक शिंदे को उन्होंने अपने प्रभाव से इस क्लब में नौकरी भी दिलाई थी। यह दोनों भी अब NIA की हिरासत में हैं।

छापे में मिले सिम से जुड़े दस्तावेज भी थे

एनआईए ने गुरुवार को छापे के दौरान उन सिम कार्डों की खरीदारी से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए थे, जो नरेश गोर ने अपने निजी उपयोग के लिए खरीदे थे। गोर ने ये सिमकार्ड गुजरात के अहमदाबाद से खरीदे थे और इन्हें शिंदे के जरिए वाजे को सौंप दिया था। इन्हीं में से एक सिमकार्ड से वाजे ने मनसुख हिरेन को कॉल की थी। यह हिरेन की हत्या से पहले उसके मोबाइल पर की गई आखिरी कॉल साबित हुई है।



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