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डॉ. अमित गुप्ता

विडंबना : कोरोना से सैकड़ों मरीजों को बचाने वाला खुद आया संकट में, हर तरफ से उपेक्षा

by Sneha Shukla

अमर उजाला वायरलेस, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: सत्यंत शर्मा
अपडेटेड शुक्र, 14 मई 2021 12:03 AM IST

डॉ। अमित गुप्ता
– फोटो: अमर उजाला

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कोरोना संकट से बचाने के लिए डॉक्टर के प्राण संकट में हैं। दिल्ली के सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल के बाल रोग विभाग में तैनात डॉ। एमीटैक्ट्रन संक्रमण की आपूर्ति में आने के बाद ही भर्ती होती है। भीड़-भाड़ वाले लोग अत्यधिक प्रभावित होने के कारण प्रभावित होते हैं और उन्हें भी प्रभावित करते हैं।” I पीतमपुरा निवासी 38 वर्षीय डॉ। अमित गुप्ता को हानिकारक होने और सांस लेने में कठिनाई होने पर उन्हीं के अस्पताल में लाया गया लेकिन वहां बिस्तर ही नहीं मिला।

डॉ. साथी मित्र ने डॉ. साथी ही डॉयलॉग को ज्वाइन किया। खराब होने के कारण खराब हो जाता है या फिर उसे खराब करने के लिए भर्ती किया जाता है। आपात स्थिति में किसी को भी डॉ. को

ऐना ने भी जब किसी भी तरह की स्थिति में होते हैं तो प्रशासन प्रशासन के साथ मिलकर किसी भी समस्या से निपटने में मदद नहीं करता है। ऐना ने कहा, मेरे भाई ने शाम को कैमरे की सेवा की। उन्होंने

ऐना ने कहा कि डॉ। अमिताभ की इस जिम्मेदारी का पूरा होना जरूरी है। अगर समय रहते उनके भाई का इलाज शुरू हो जाता तो अभी तक गंभीर स्थिति में वह नहीं जाती। कोरोना योद्घा के लिए समन्वयियों बजाने वाली सरकार अब उन्हीं को इलाज तक नहीं दिलावा पा रही है।

उधर बुधवार देर रात अधिवेशन ऑफ रेजिडेंट ड्रक्टर्स एसोसिएशन (फ्यूडा) के संज्ञान में जब यह मामला आया तो रात में दिल्ली के सभी अस्पतालों के डॉक्टरों को चेतावनी देते हुए तत्काल परिवार की मदद के लिए कहा गया है। डॉ। गुप्ता और उनके परिवार को मदद का इंतजार है।

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कोरोनावायरस से सैकड़ों रोगियों की जान बचाने वाले डॉ के प्राण संकट में हैं। दिल्ली के सत्यवादी चिकित्सक हरिश्चंद्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर। एमीटैक्ट्रन संक्रमण की आपूर्ति में आने के बाद ही भर्ती होती है। भीड़-भाड़ वाले लोग अत्यधिक प्रभावित होने के कारण प्रभावित होते हैं और उन्हें भी प्रभावित करते हैं।” I पेटामपुरा 38 उपचार डॉ. अमित गुप्ता को संक्रमित होने और सांस लेने में कठिनाई होने पर उन्हीं के अस्पताल में लाया गया लेकिन वहां बेड ही नहीं मिला।

जो डॉ। साथी थे वे डॉ। ड्यूटी रूम में ही उन्हें लेटाया और इलाज शुरू किया, लेकिन तब तक तबीयत काफी बिगड़ने लगी। बहन ऐना ने बताया कि काफी मुश्किलों के बाद श्रीअग्रसेन अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं। आपात स्थिति में किसी को भी डॉ. अमित गुप्ता को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन अब एकमो मशीन की मांग हैं जोकि आसानी से उपलब्ध नहीं हैं।

ऐना ने भी जब किसी भी तरह की स्थिति में होते हैं तो प्रशासन प्रशासन के साथ मिलकर किसी भी समस्या से निपटने में मदद नहीं करता है। ऐना ने कहा, मेरे भाई ने शाम को कैमरे की सेवा की। उन्होंने

ऐना ने कहा कि डॉ। अमित गुप्ता की इस हालत का जिम्मेदार पूरा प्रशासन है। अगर समय रहते उनके भाई का इलाज शुरू हो जाता तो अभी तक गंभीर स्थिति में वह नहीं जाती। कोरोना योद्घा के लिए समन्वयियों बजाने वाली सरकार अब उन्हीं को इलाज तक नहीं दिलावा पा रही है।

उधर बुधवार देर रात अधिवेशन ऑफ रेजिडेंट ड्रक्टर्स एसोसिएशन (फ्यूडा) के संज्ञान में जब यह मामला आया तो रात में दिल्ली के सभी अस्पतालों के डॉक्टरों को चेतावनी देते हुए तत्काल परिवार की मदद के लिए कहा गया है। डॉ। गुप्ता और उनके परिवार को मदद का इंतजार है।

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