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विराट कोहली ने की थी 'अंपायर्स कॉल' की आलोचना, अब ICC की क्रिकेट समिति ने लिया ये फैसला

विराट कोहली ने की थी ‘अंपायर्स कॉल’ की आलोचना, अब ICC की क्रिकेट समिति ने लिया ये फैसला

by Sneha Shukla

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हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने DRS में ‘अंपायर्स कॉल’ के नियम की आलोचना करते हुए इसे खत्म करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि अब बहुत ज्यादा भ्रम की स्थिति बन रही है। दरअसल, कोहली का कहना था कि LBW के अपील के समय अगर बॉल स्टंप पर लग रही हो तो उसे आउट देना चाहिए। यहां तक ​​कि केवल गेंदबाज का कुछ ही हिस्सा स्टंप से टकरा रहा हो।

हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल के मौजूदा नियमों के हिसाब से LBW के अपील के समय DRS के दौरान गेंद का कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सा तीनों स्टंप्स से किसी में टकराना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर मैदानी अंपायर का जो फैसला होगा, वही मान्य होगा। इस दौरान मैदानी अंपायर के लिए गए फैसले को ही ‘अंपायर्स कॉल’ कहते हैं।

अब ICC की क्रिकेट समिति ने ये फैसला लिया

विराट कोहली सहित कई वर्तमान और पूर्व क्रिकेटरों ने ‘अंपायर्स कॉल’ के नियम का विरोध किया था। हालांकि, इसके बावजूद आईसीसी की क्रिकेट समिति ने सिफारिश की है कि डीआरएस में ‘अंपायर कॉल’ को बनाए रखा जाना चाहिए। इस सिफारिश को गवर्निग बॉडी की मुख्य कार्यकारी समिति की अगले सप्ताह होने वाली कक्षा बैठक में पेश किया जाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार, गवर्निग बॉडी की मुख्य कार्यकारी समिति की मार्च की शुरुआत में भी बैठक हुई थी, जिसमें समिति के सदस्यों ने पाया था कि अंपायर की कॉल को किस तरह से संचालित किया जाना चाहिए, यह सभी हितधारकों को बेहतर ढंग से निर्दिष्ट करना चाहिए। , जिसमें खिलाड़ी और फेस भी शामिल हैं।

पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की शीर्ष वाली आईसीसी की इस क्रिकेट समिति में मार्क स्ट्रॉस, राहुल द्रविड़, महेला जयवर्धने, शॉन पोलक भी शामिल हैं। उनके अलावा मैच रेफरी रंजन मुदुगले, अंपायर रिचार्ड इलिंगवर्थ और मिकी आर्थर भी इस समिति का हिस्सा हैं। कुछ विचारों के बाद समिति ने फैसला किया है कि डीआरएस में ‘अंपायर्स कॉल’ नियम को बनाए रखा जाना चाहिए, क्योंकि इसमें बॉल-ट्रैकिंग तकनीक शतफीसदी सही नहीं होती है।

हाल के समय में अंपायर्स कॉल को लेकर काफी चर्चाएं देखने को मिली हैं। भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चार मैचों की टेस्ट सीरीज में दोनों टीमों ने 65 बार रिव्यू लिया था, जिसमें से 53 को खारिज कर दिया गया था। इन 53 में से 37 गलत रिव्यू थे, जबकि 16 अंपायर्स कॉल थे।

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