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विवाद के बाद सरकार ने बताया- आलोचना नहीं, कोरोना महामारी को लेकर गलत जानकारी देने पर डिलीट करवाए ट्वीट्स

by Sneha Shukla

कोविड -19 परिस्थिति के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सोनी ने कई अपडेट किए हैं। खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए उन पोस्ट्स को खारिज करने के लिए कहा था जो कोरोना महामारी को लेकर गलत या भ्रामक जानकारी दे रहे हैं। हालाँकि, अब इस पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां यह दावा कर रही हैं कि ये सोशल मीडिया पोस्ट्स को इसलिए एमएसट करवाया गया है क्योंकि ये सरकार की आलोचना थी। इस बीच केंद्र सरकार ने बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि जिन लोगों को एमएसट करवाया गया है, उनके जरिए कोरोना को लेकर गलत जानकारी प्रसारित की जा रही थी।

केंद्र सरकार ने बयान में कहा है, ‘कोरोना महामारी को लेकर दहशत फैलाने के मकसद से कुछ यूजर्स द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का दुरुपयोग किया जाने के बाद गृह मंत्रालय के सुझाव पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 100 सोशल मीडिया पोस्ट और सशस्त्र भ्रष्टाचार करने को कहा था। । इन पोस्ट्स के जरिए कोरोना महामारी से असंबंधित, पुरानी तस्वीरों, सांप्रदायिक तौर पर संवेदनशील और भ्रामक गोकारियां साझा की गई थीं। कोरोना महामारी से लड़ाई में बाधा से बचने के लिए यह फैसला लिया गया। ‘

बता दें कि जिन लोगों का ट्वीट हट हुआ है उनमें कांग्रेस नेता पवन खेड़ा भी शामिल हैं। अब पवन खेड़ा ने ट्वीट किया है कि वह इस मामले में भारत सरकार को कानूनी भेज देंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार उनके ट्वीट को अवैधता को साबित करती है।

पावन खेरा

केंद्र सरकार ने अपने बयान में यह भी कहा है कि जब पूरा देश कोरोना से युद्ध के लिए निष्पक्ष प्रयास कर रहा है, तो कुछ लोग समाज में अव्यवस्था फैलाने के उद्देश्य से सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं। सरकार आलोचनाओं और कोरोना से युद्ध के लिए सुझावों का स्वागत करती है लेकिन उन यूजर्स के खिलाफ ऐक्शन लेना जरूरी है जो अपने अनैतिक मकसदों के लिए ऐसे समय में भी सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं।

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