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कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद इलाके को सैनिटाइज करता कर्मचारी

विस्फोटक हालात: एक ही इलाके में तीन-तीन प्रकार और 10 राज्यों में दो तरह का मिला वायरस 

by Sneha Shukla

परीक्षित निर्भय, अमर उजाला

द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
अपडेटेड शुक्र, 16 अप्रैल 2021 05:36 AM IST

सार

  • वैज्ञानिकों का खुलासा- बहरूपिये वायरस ने भारत में छह बार बारी रूप दिया
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 राज्यों के लिए समीक्षा जारी की है
कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद इलाके को सैनिटरीज़ करता कर्मचारी

कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद इलाके को सैनिटरीज़ करता कर्मचारी
– फोटो: अमर उजाला

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विस्तार

देश में संक्रमण की दूसरी तरंगों के छह नए स्वरूपों के कारण विस्फोटक स्थिति में है। वैज्ञानिकों के मुताबिक तीन स्वरूप भारत में बदल रहे हैं। तीन अन्य ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और जेस से आए हैं। एक ही इलाके में तीन प्रकार के वायरस और राज्यो में दो तरह के वायरस हालात बिगाड़ रहे हैं।

जीनोम सीक्वेंसिंग की जानकारी साझा करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 राज्यों के लिए समीक्षा जारी की है। महाराष्ट्र के हर जिले के लिए समीक्षा जारी की गई है। क्योंकि यहाँ 60 प्रति केसर्स के नए प्रारूप से जुड़े हुए हैं।

मंत्रालय के अनुसार, वायरस में छह बदलाव मिले हैं। इनमें से ब्रिटिश (बी .1.1.7), दक्षिण अफ्रीकी (बी .1.351) और ब्राजीलियनियन (पी। 1) से आए थे।) एक वर्ष से देश में संक्रमण फैलने वाले वायरस में परिवर्तन के बाद ई 484 क्यू, एल 452 आर और एन 440 के नाम रूप सामने आए।]ये नए स्वरूप मूल वायरस के मुकाबले दो से छह गुना तक अधिक प्रसार की क्षमता रखते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, 23 राज्यों से धर्मों के 14 हजार सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में पता चला है कि 18 राज्यों में एक से अधिक स्वरूप मिल चुके हैं। इनमें से 10 राज्यों में एक साथ दो तरह के वायरस फैल रहे हैं। दिल्ली में मिले तीन तरह के वरसों में ब्रिटिश तनाव भी शामिल है।

वैक्सीन का असर जानना जरूरी है

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक से अधिक बार विषाणुओं से वैक्सीन रिस पाएगी या नहीं, इस बारे में वैज्ञानिक ज्यादा जानकारी नहीं हैं। अभी जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए वायरस को समझना व इससे बचना जरूरी है।

कितना जानलेवा या गंभीर … अब तक पता नहीं चला

हैदराबाद स्थित CCMB के निदेशक डॉ। राकेश मिश्रा ने बताया कि चेतन के संपर्क में आने वाले कम से कम 30 लोगों की निगरानी की जा रही है। संपर्क में आए लोगों को भी चेतावनी मिलने पर उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग भी कराई जा रही है। इससे पता चला है कि नवंबर 2020 से मार्च 2021 तक के पांच महीनों में वास्तव से 6 स्वरूप मिल हैं, जिनमें से तीन परिवर्तन देश में ही हुए हैं। मुश्किल यह है कि ये से कौन कितना जानलेवा है या गंभीर है। इसका पता नहीं लग पा रहा है।

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