वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद भी कोरोना किसी की जान ले सकता है? वैक्सीन कंपनियों की ओर से इसका जवाब ना में दिया जा रहा है, लेकिन कर्नाटक में एक ऐसी पुलसकर्मी की मौत हुई है, जो टीके की दोनों खुराक ले चुकी थी। मंगलुरू पुलिस कमिश्नर की ओर से किए गए इस दावे के बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या वैक्सीन भी कोरोना से जान बचाने की 100 फीसदी यकीन नहीं है।
वैक्सीन कंपनियों की ओर से कहा जा रहा है कि दोनों टीके लगने के बाद कोरोना होने की संभावना बेहद कम हो जाती है और अगर संक्रमण हो भी जाए तो बीमारी गंभीर नहीं हो पाती है, अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आती है। भारत में अभी तक जिन दो वैक्सीन का प्रयोग टीकाकरण के लिए किया गया है, उनका दावा है कि ये गंभीर बीमारी से बचाने में 100% प्रभावी है। हालांकि, कोरोना के अलग-अलग स्ट्रेन पर इनका प्रभाव अलग-अलग है और इनपर शोध जारी है।
कर्नाटक | एक पुलिस कांस्टेबल, जिसका 2 सप्ताह से एक अस्पताल में COVID-19 का इलाज चल रहा था, की आज मल्टी-ऑर्गन फेल्योर के कारण मौत हो गई। उन्होंने टीके की दोनों खुराक ली थी: मंगलुरु के पुलिस आयुक्त, शशि कुमार
– एएनआई (@ANI) 14 मई, 2021
मंगलुरू पुलिस कमिश्नर शशि कुमार ने शुक्रवार को कहा, ” एक पुलिस कॉन्स्टेबल जिसका दो सप्ताह से कोरोना का इलाज चल रहा था, आज मल्टी ऑर्गन फेल्योर (कई अंगों का काम नहीं करना) की वजह से उसकी जान चली गई है। वह वैक्सीन की दोनों डोज ले चुका था।
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