सार
जानकारी के अनुसार झिलमिल क्षेत्र की निवासी 53 वर्षीय सुमन वर्मा बीते 15 अप्रैल को सकारात्मक होने के बाद जीटीबी अस्पताल में भर्ती हुई। उनके पति कमल वर्मा ने ही बताया कि उन्होंने अंतिम बार अपनी पत्नी को शुक्रवार रात डेढ़ बजे अस्पताल में देखा था। अगले दिन जब वे अपनी पत्नी की तबीयत के बारे में पूछने आए तो पता चला कि कागजों पर उनका नाम ही नहीं है।
जीटीबी अस्पताल की लापरवाही आई सामने
– फोटो: अमर उजाला
ख़बर सुनना
विस्तार
अस्पताल की मोर्चरी में दो अन्य शवों के बीच महिला मरीज के शव की पहचान जब उनके परिजनों ने की तो होश उड़ रहे थे। अस्पताल जिसमें कोरोना और रोगी को को फरार बताया जा रहा था। दरअसल उसकी मौत पहले ही हो चुकी थी और शव मोर्चरी के उस कोने में डाल दिया गया, जिसे लावरिस शवों के लिए रखा गया है।
इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं लेकिन अब तक इस बड़ी लापरवाही की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। पीड़ित परिवार ने जीटीबी एन्क्लेव थाने में अस्पताल के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है।
जानकारी के अनुसार झिलमिल क्षेत्र की निवासी 53 वर्षीय सुमन वर्मा बीते 15 अप्रैल को सकारात्मक होने के बाद जीटीबी अस्पताल में भर्ती हुई। उनके पति कमल वर्मा ने ही बताया कि उन्होंने अंतिम बार अपनी पत्नी को शुक्रवार रात डेढ़ बजे अस्पताल में देखा था।
उस दौरान वह कोविड वार्ड में भर्ती की जा रही थी लेकिन अगले दिन सुबह जब वे अपनी पत्नी की तबीयत के बारे में पूछने आए तो पता चला कि कागजों पर उनका नाम ही नहीं है। यह सुन वह घबरा गई। शाम तक अस्पताल में कभी इधर तो कभी उधर विभागों के चक्कर लगाने के बाद उनमें कहा गया कि शायद आपकी पत्नी अस्पताल से भाग गई हैं।
।
Homepage | Click Hear |