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अमर उजाला रिसर्च टीम, नई दिल्ली
द्वारा प्रकाशित: देव कश्यप
अपडेटेड सन, 04 अप्रैल 2021 05:48 AM IST
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इनकी रूप सूक्ष्म स्तर पर अत्यंत कसी हुई है। इसके मुकाबले शिफॉन, पॉलिस्टर, रेयॉन या दूसरे कृत्रिम रूप से बने सिंथेटिक फाइबर के faclesley हैं, और सांस के साथ शरीर के भीतर दाखिल होने वाले ज्यादा कण नहीं रोक पाते हैं। 12 से अधिक प्रकार के मछलियों के इस अध्ययन के लिए अमेरिका के मैरिलैंड स्थित स्मिथ सोनियन म्यूजियम कन्वर्शेसन संस्थान के वैज्ञानिक एडवर्ड विसेंजी व उनकी टीम ने इलेक्ट्रॉन चिप का इस्तेमाल किया। एडवर्ड के अनुसार, 50 माइक्रोन (0.001 मिलीमीटर) जितने सूक्ष्म आकार पर किसी भी फैब्रिक द्वारा तत्वों को फ़िल्टर करने की क्षमता को परखा गया।
इसमें सूती कपड़े, सिंथेटिक फाइबर सहित कॉफी फिल्टर, तकिये के कवर, एन 95 व सर्जिकल फेस भी शामिल थे। इन सभी में एन 95 एयरोसोल रोकने में सबसे प्रभावी मिला। वहीं कोविंद -19 वायरस को रोकने में सूती कपड़े का बना मुखौटा भी सामान्य बचाव के लिए काफी उपयुक्त पाया गया है।
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